नवाचार, अनुशासन और समर्पण का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करते हुए बादल राज, जिला शिक्षा अधीक्षक, रांची ने विद्यालयी कार्यों में गुणवत्ता और गति लाने के लिए शिक्षकों को सेवा के अंतिम दिन ही सम्मानित करने की अभिनव परंपरा की शुरुआत की है।
डीएसई रांची (बादल राज) द्वारा जिले में प्रत्येक माह सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों को सेवा के अंतिम दिन ही ससम्मान विदाई दी जाती है और साथ ही उनकी समस्त देय पावनाओं का भुगतान भी सुनिश्चित किया जाता है। यह सराहनीय परंपरा आगे भी निरंतर जारी रहेगी। विभाग द्वारा 2026 तक सेवानिवृत्त होने वाले सभी शिक्षकों की सूची पहले ही तैयार कर ली गई है। निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे संबंधित शिक्षकों की फाइलें समय पर विभाग को उपलब्ध कराएं, ताकि उनके सेवा-समापन के दिन ही उन्हें पूर्ण लाभों के साथ ससम्मान विदा किया जा सके।
सेवानिवृत्ति के इस विशिष्ट अवसर पर, हम न केवल उनके शिक्षण योगदान का आदर करते हैं, बल्कि उनके समर्पण, सादगी और सेवा भावना को भी नमन करते हैं। आज जब हम उन्हें एकमुश्त लाभ के साथ सम्मानित कर रहे हैं, तो यह महज़ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि हमारी कृतज्ञता की प्रतीक है– बादल राज (जिला शिक्षा अधीक्षक, रांची )
सेवानिवृत्ति पावनाओं का महत्व
सेवानिवृत्ति पावनाओं का महत्व शिक्षकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। ये न केवल उनके आर्थिक दृष्टि से सुरक्षा प्रदान करती है, बल्कि शिक्षकों के पूरे सेवा जीवन के सम्मान और मान्यता का प्रतीक होती है। सेवानिवृत्ति के बाद शिक्षकों की एक निश्चित नियमित आय बंद हो जाती है। पेंशन, उपादान , सामान्य भविष्य निधि (GPF), 300 दिनों की अर्जित अवकाश, ग्रुप बीमा और अवकाश नकदीकरण जैसी पावनाएं शिक्षकों को भविष्य की आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करने में सहूलियत प्रदान करती है।

सेवानिवृत्ति पावनाओं का प्रकार
शिक्षकों को सेवानिवृत्ति के समय विभिन्न प्रकार की पावनाएं प्रदान की जाती हैं। सामान्यत:, सेवानिवृत्ति से तीन माह पूर्व सामान्य भविष्य निधि (GPF) की कटौती बंद कर दी जाती है, जिससे कार्यालय द्वारा पावनाओं की गणना में सुविधा हो। सेवानिवृत्ति लाभ हेतु ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत किया जाता है, जिसमें सरकारी कर्मचारी की सेवा से संबंधित सभी विवरण, पावना राशि की गणना तथा पारिवारिक विवरण अपलोड किए जाते हैं। संबंधित पदाधिकारी द्वारा भुगतान आदेश जारी करने के पश्चात निम्नलिखित प्रकार की पावनाओं का भुगतान किया जाता है :-
1. ग्रेच्युटी (Gratuity):- अंतिम वेतन व सेवा अवधि के अनुसार एकमुश्त राशि प्रदान की जाती है।
2. सामान्य भविष्य निधि (GPF) :- कर्मचारी द्वारा जमा राशि एवं उस पर अर्जित ब्याज। वर्तमान में ब्याज दर 7.1* (2025-26) प्रतिशत है। (*वित्त विभाग के ज्ञापांक 941, दिनांक 09-04-2025)
3. पेंशन (Pension):- सेवानिवृत्ति के बाद मासिक भुगतान के रूप में पेंशन प्रदान की जाती है।
4. पेंशन समायोजन (Commutation):- पेंशन का एक भाग एकमुश्त अग्रिम रूप में दिया जाता है।
5. अवकाश नकदीकरण (Leave Encashment):- शेष बचे अवकाश (अधिकतम 300 दिन) का नकद भुगतान की जाती है।
6. समूह बीमा राशि (Group Insurance) :- सेवा के दौरान लागू बीमा योजना के अंतर्गत देय राशि।
7. यात्रा/स्थानांतरण भत्ता :- अंतिम मूल वेतन का 80 प्रतिशत दिया जाता है।
एकमुश्त पावनाओं से लाभ
शिक्षकों के लिए समय पर और सम्मानपूर्वक पावनाओं का भुगतान बादल राज, जिला शिक्षा अधीक्षक, रांची की ईमानदारी, पारदर्शिता और संवेदनशीलता को दर्शाता है। इससे शिक्षकों में विश्वास और प्रेरणा का संचार हुआ है। सेवानिवृत्ति के दिन ही ससम्मान विदाई और सभी पावनाओं का तत्काल भुगतान किए जाने की परंपरा से शिक्षकों को कई महत्वपूर्ण फायदे होते हैं :-
1. समय पर भुगतान होने से सेवानिवृत्त शिक्षक को फाइलों की निपटारा के लिए , जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय और विभागीय प्रक्रियाओं को पूरा करने हेतु अन्य कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। |
2. यह परंपरा बाकी शिक्षकों के लिए एक सकारात्मक संदेश देती है कि उनका भी भविष्य सुरक्षित और सम्मानजनक होगा, जिससे वे विद्यालय में पठन-पाठन कर्तव्यों के प्रति और अधिक निष्ठावान बनेंगे। |
3. डीएसई राँची की यह पहल शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली को अधिक उत्तरदायी और पारदर्शी बनाती है, जिससे पुरे राज्य में विभाग की छवि साफ स्वच्छ बनाती है। |
4. पेंशन और अन्य लाभों से सेवानिवृत्त शिक्षक को दूसरों पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा। |
5. सेवानिवृत्ति के समय शिक्षक के ऊपर बच्चों की पढ़ाई, शादी, स्वास्थ्य देखभाल जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ होती है। इन पावनाओं से शिक्षक को अपने दायित्वों को सुचारु रूप से निभाने में मदद मिलती है। |