सरकारी कर्मचारियों के वेतन से प्रत्येक माह एक निर्धारित राशि काटकर सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) खाते में जमा की जाती है। इस जमा राशि पर प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अंत में ब्याज प्रदान किया जाता है। यह समस्त विवरण ऑनलाइन उपलब्ध है, जिसे कर्मचारी पोर्टल पर अपने जीपीएफ नंबर के माध्यम से देखा जा सकता है। सामान्य भविष्य निधि पर ब्याज दरें प्रत्येक वर्ष भिन्न-भिन्न होती हैं। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए झारखंड सरकार के पेंशन एवं लेखा निदेशालय, वित्त विभाग द्वारा 7.10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर निर्धारित की गई है, जो 01 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी। यह वर्ष 2020-21 से 2025-26 तक 7.10 प्रतिशत की ब्याज दर पर स्थिर है।
सामान्य भविष्य निधि की निकासी के नियम
सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) खाते में जमा संचित राशि से एक निश्चित रकम की निकासी का प्रावधान है। यह निकासी जीपीएफ नियमों के अंतर्गत निर्धारित शर्तों के अधीन की जा सकती है। संचित निधि से अधिकतम 75 प्रतिशत तक की निकासी संभव है।
निकासी के लिए सर्वप्रथम कर्मचारी को अपने जीपीएफ नंबर से पोर्टल पर लॉगिन करना होता है। इसके पश्चात ‘जीपीएफ अग्रिम आवेदन’ पर क्लिक करके संबंधित कोषागार, निकासी का उद्देश्य और आवश्यक राशि भरनी होती है। इसके बाद ‘प्रीव्यू’ विकल्प का चयन करें। पूर्वावलोकन (प्रीव्यू) देखने के बाद ‘अप्लाई’ बटन पर क्लिक कर आवेदन की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा सकता है।
आवेदन प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद, उसका प्रिंटआउट निकालकर दो प्रतियों में संबंधित निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी के समक्ष जमा करना आवश्यक होता है।
सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) राशि की निकासी नियमों के अंतर्गत निम्नलिखित तीन प्रयोजनों हेतु की जा सकती है:-
विवाह हेतु: सरकारी कर्मचारी अपने पुत्र या पुत्री के विवाह के लिए जीपीएफ से राशि की निकासी कर सकते हैं।
उच्चतर शिक्षा हेतु: सरकारी कर्मचारी अपनी संतान की भारत में माध्यमिक स्तर से आगे की शिक्षा जैसे-मेडिकल, इंजीनियरिंग या अन्य तकनीकी शिक्षा हेतु निकासी कर सकते हैं। शर्त यह है कि संबंधित पाठ्यक्रम की अवधि तीन वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।
गृह निर्माण हेतु: घर के निर्माण अथवा फ्लैट की खरीद के लिए न्यूनतम दो और अधिकतम चार किश्तों में राशि की निकासी की जा सकती है।