स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा प्रदेश के सभी सरकारी, गैर सरकारी, सहायता प्राप्त (अल्पसंख्यक सहित) विद्यालयों के लिए SCHOOL SOP 2025 बनाया गया है। इसके तहत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और विद्यालय संचालन में सुधार हेतु नवीन दिशा-निर्देश जारी किया गया है।
राज्य के सभी सरकारी प्राथमिक , माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पठन-पाठन, प्रशासनिक कार्यों तथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के क्रियान्वयन के लिए निर्देशों की आवश्यकता अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्पष्ट दिशा-निर्देशों से शिक्षा व्यवस्था में एकरूपता, पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व सुनिश्चित किया जा सकता है।
ये निर्देश विद्यालयों के सुचारू संचालन के साथ-साथ विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देते हैं। साथ ही, शिक्षकों, प्रधान शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों और अन्य शैक्षिक कार्मिकों की भूमिकाओं को स्पष्ट करने में सहूलियत मिलती है, जिससे सरकारी योजनाओं, पाठ्यक्रम और सह-शैक्षणिक गतिविधियों का प्रभावी क्रियान्वयन संभव होता है। निर्देशों के द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि सभी शैक्षणिक संसाधनों का समुचित उपयोग हो तथा विद्यार्थियों को समान अवसर प्रदान किए जाए। अतः विद्यालयों की कार्यप्रणाली को सुदृढ़ एवं गुणवत्तापरक बनाने के लिए सुव्यवस्थित प्रशासनिक निर्देश अनिवार्य है।
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नया निर्देश
बिना स्पष्ट दिशा-निर्देशों के शिक्षा की गुणवत्ता असमान और असंतुलित हो सकती है। निर्देश यह सुनिश्चित करते हैं कि हर सरकारी प्राथमिक , माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में न्यूनतम शैक्षणिक मानक का पालन हो। निर्देश विद्यालय संचालन की प्रक्रियाओं को समान और व्यवस्थित बनाते है, जिससे पूरे राज्य में एक समान शिक्षा प्रणाली विकसित होती है। SCHOOL SOP 2025 के अनुसार विद्यालयों का सुचारू संचालन एवं क्रियान्वयन हो इस हेतु स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा निम्न निर्देश दिया गया है –
➣विद्यालय एवं कक्षा का संचालन ससमय करना सुनिश्चित करेंगे। सभी शिक्षकगण eVV में ससमय उपस्थिति दर्ज करेंगे। लगातार तीन दिन विलंब से उपस्थिति दर्ज करने की स्थिति में एक आकस्मिक अवकाश संगणित होगा।
➣प्रातः कालीन प्रार्थना सभा के अंत में अन्य जानकारी यथा- दैनिक समाचार वाचन Current Affairs, Short Moral Story (English), मादक पदार्थों के दुरूपयोग को रोकने, सड़क सुरक्षा, पर्यावरण इत्यादि पर जागरूकता लाने हेतु छात्र-छात्रओं को प्रेरित किया जायेगा।
➣सत्र प्रारंभ होने के प्रारंभिक माह में विद्यार्थियों के अधिगम स्तर के आधार पर basic knowledge (reading, writing, arithmetic) की कक्षा कराना सुनिश्चित करेंगे।
➣सभी प्रारंभिक / माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रवेश कक्षा में नामांकन हेतु प्रत्येक वर्ष पोषक क्षेत्र में आवासित परिवारों एवं आम जनता को प्रचार-प्रसार के माध्यम से अवगत कराना सुनिश्चित करेंगे।
➣JAC के Guideline के अनुसार विद्यार्थियों की उपस्थिति न्यूनत्तम 75 % आवश्यक है, इस निमित सभी विद्यार्थियों को शत प्रतिशत उपस्थिति हेतु प्रोत्साहित करेंगे। प्रत्येक माह में 75% से कम उपस्थिति वाले छात्र- छात्रों को चिन्हित किया जाय तथा उनके अभिभावकों को संबंधित छात्रों की उपस्थिति में वृद्धि लाने हेतु प्रधानाध्यापक द्वारा ज्ञापन निर्गत किया जाय। Class Monitor, बाल संसद एवं पोषक क्षेत्र के उच्च कक्षा में अध्ययरत छात्र-छात्राओं के द्वारा अनुपस्थित रहने वाले बच्चों को उपस्थिति हेतु प्रोत्साहित किया जाय।
➣जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा अधीक्षक विद्यालयों का Regular visit करना सुनिश्चित करेंगे तथा निरीक्षण / अनुश्रवण के पश्चात् संपूर्ण जानकारी संबंधित जिले के उपायुक्त; निदेशक, माध्यमिक शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक को प्रतिवेदित करेंगे।
➣ विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों को विद्यालयों में उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने, उपस्थिति में वृद्धि लाने हेतु उनके अभिभावकों को जागरूक किया जाय तथा प्रत्येक तीन माह के अन्तराल पर PTM एवं प्रत्येक माह SMC की बैठक आयोजित कराना सुनिश्चित करेंगे तथा इसे पंजी में भी अंकित करेंगे। 8. शिक्षकों के द्वारा पाठय पुस्तक के पाठ्य-वस्तु के अनुरूप विषयवार विस्तृत पाठ्य योजना का निर्माण करना अति आवश्यक है तथा इसे प्रधानाध्यापक मूल्यांकन / प्रतिहस्ताक्षरित करेंगे एवं संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी इसे सुनिश्चित करायेंगे।
➣छात्र – छात्राओं के कक्षावार, विषयवार अधिगम स्तर के उन्नयन हेतु Academic Plan एवं कार्ययोजना के अनुरूप पठन-पाठन कराना सुनिश्चित करेंगे। विद्यालयों में अधिष्ठापित Smart Class एवं ICT Classes, Labs का संचालन सुनिश्चित करेंगे।
➣ शिक्षकगण Split Syllabus के आधार पर कक्षावार पाठ्यवस्तु का पठन-पाठन प्रति कार्यदिवस / माहवार (पंजी में संधारित) सुनिश्चित करेंगे तथा प्रधानाध्यापकों के द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित किया जायेगा। तदानुसार शिक्षकों की अनुपस्थिति विवरणी में निष्पादित पाठ्य-योजना के अनुरूप कक्षा लेने के संबंधी प्रमाण-पत्र के आधार पर ही वेतन की निकासी की कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी | (विहित प्रपत्र संलग्न)
➣ सिलेबस के आधार पर विस्तृत पाठयोजना शिक्षकगण तैयार करेंगे एवं इसके आधार पर पठन-पाठन करेंगे J-guruji पर Split Syllabus के आधार पर शिक्षकों के द्वारा सम्पादित कक्षाओं की जानकारी को J – guruji में संधारित करेंगे ताकि तय समय में शिक्षकों के द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा विभाग के द्वारा ऑनलाईन किया जा सके।
➣ प्रत्येक माह के प्रथम एवं द्वितीय शनिवार को हिन्दी / अंग्रेजी / संस्कृत की व्याकरण एवं गणित / विज्ञान की एक-एक घंटी की कक्षा आयोजित की जायेगी। तत्पश्चात छात्र-छात्राओं के All Round Development Extra Curricular Activities (Debate, Painting, Singing, Craft, Quiz, Cursive Handwriting, Games Cultural Activities etc.) की जायेगी।
➣ विभागीय अधिसूचना संख्या- 520 दिनांक – 21.03.2025 के प्रावधानों का अक्षरशः पालन किया जाय । इस निमित्त प्रधानाध्यापक की जवाबदेही होगी कि शिक्षकगण कक्षावार, विषयवार पाठय-वस्तु को Split Syllabus के आधार पर पूर्ण कराना सुनिश्चित करेंगें। सभी संबंधित शिक्षक से अपेक्षा की जाती है कि कक्षावार, विषयवार पाठ्य-वस्तु को अध्यापन कार्य करने के पूर्व संध्या समय में Revision करेंगे। अपने ज्ञान में समृद्धि लाने के निमित्त पाठ्यपुस्तक के साथ-साथ ऑनलाईन Study Material एवं अन्य पाठ्यपुस्तकों को Explore करेंगे।
➣ JCERT के द्वारा कक्षा 1 से 12 का SA-I एवं SA-II का आयोजन विद्यालय स्तर पर कराई जायेगी तथा उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन जिले में अंतर विद्यालय (inter school) स्तर पर कराई जायेगी तथा कक्षा 10वीं एवं 12वीं के लिए Pre Test – 1 दिसम्बर में एवं Pre-Test II जनवरी में आयोजन किया जायेगा।
➣ मासिक परीक्षा, SA – I एवं SA-II के आयोजन के पश्चात् परीक्षा परिणाम का मूल्यांकन एवं विश्लेषण एक सप्ताह के अन्दर करते हुए बच्चों के अधिगम स्तर में वृद्धि लाने हेतु कार्ययोजना का क्रियान्वयन किया जायेगा एवं कमजोर बच्चों के लिए विषयवार Special/ Remedial Classes का आयोजन कराया जायेगा।
➣ पूरे माह में सम्पन्न किए गए पाठ्य वस्तु से प्रत्येक माह में मासिक परीक्षा का आयोजन किया जायेगा तथा बच्चों का ग्रेडिंग की जायेगी एवं PTM/SMC की बैठक में विचार-विमर्श किया जायेगा।
➣ विद्यार्थियों के खराब परीक्षा परिणाम की सम्पूर्ण जवाबदेही विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं संबंधित विषय के शिक्षक की होगी । 20% से अधिक असफल छात्र-छात्राओं का पाये जाने की स्थिति में संबंधित प्रधानाध्यापक एवं विषय के शिक्षकों पर विभागीय एवं अनुशासनिक कार्रवाई की जायेगी । अतः यह सभी शिक्षकों को लिए आवश्यक है कि विद्यालयों में विद्यार्थियों की उपस्थिति, उनकी सभी प्रकार की परीक्षाएँ, विद्यालय में संचालित remedial class एवं विद्यार्थियों के प्रदर्शन को गंभीरता से लिया जाय तथा निरंतर निगरानी रखी जाय ताकि पिछले वर्ष की तुलना में बच्चों का प्रदर्शन बेहतर हो।
➣ प्रधानाध्यापक की जवाबदेही होगी कि विद्यालय की समय सारणी कक्षावार (दिवसवार) समयसारणी शिक्षकों की सहायता से तैयार करना सुनिश्चित करेंगे जिससे सभी शिक्षकों की भागीदारी सुनिश्चित हो सके।

सारांश
झारखण्ड के सभी सरकारी विद्यालयों के संचालन हेतु SCHOOL SOP के तहत कार्य किया जाना आवश्यक है तदनुरूप निर्देश इसलिए आवश्यक हैं ताकि शिक्षा व्यवस्था में एकरूपता, पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। ये निर्देश विद्यालयों की कार्यप्रणाली को सुदृढ़ बनाते हैं, शैक्षिक संसाधनों का समुचित उपयोग सुनिश्चित करते हैं और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में सहायक व लाभदायक होते हैं।