झारखण्ड सेवा संहिता के परिशिष्ट -13 के अनुसार सरकारी शिक्षकों या सेवकों को स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र के आधार पर निरोधा छुट्टी (Quarantine Leave) देय है। इस अवकाश में रहने पर भी यह कर्तव्य (Duty) में माना जाता है। छुट्टी नियम के तहत 21 दिनों तक उपभोग किया जा सकता है। विशेष परिस्थिति पर निरोधा छुट्टी में एक माह अर्थात 30 दिनों तक रह सकते है।
जानकारी के अभाव या छुट्टी स्वीकृति की पेंचीदगी के कारण निरोधा छुट्टी (Quarantine Leave) का सदुपयोग सरकारी शिक्षकों या सेवकों द्वारा बहुत कम या ना के बराबर किया जाता है।
निरोधा छुट्टी (Quarantine Leave) की स्वीकृति का नया नियम
सरकारी शिक्षक या सेवक किस मकान में रहते है, उसमे यदि संक्रामक रोग हो, तो उससे विद्यालय या कार्यालय में उपस्थित न होने का आदेश दिया जा सकता है। ऐसे आदेश के फलस्वरूप कर्तव्य से अनुपस्थिति को निरोधा छुट्टी (Quarantine Leave) कहा जाता है।
निरोधा छुट्टी (Quarantine Leave) पर गए सरकारी शिक्षक या कर्मियों को उनके विद्यालय या कार्यालय के कर्तव्य अर्थात उसके ड्यूटी से उससे अनुपस्थित नहीं समझा जाता है और उसका वेतन नहीं रुकता है।
संक्रामक रोग में हैजा, चेचक, प्लेग, डिप्थीरिया, टाइफाइड – ज्वर, सेरेब्रो स्पाइनल में मेनिनजाइटिस इस नियम के प्रयोजनार्थ संक्रामक रोग आते है। छोटी चेचक की दशा में निरोधा छुट्टी (Quarantine Leave) तब तक उपभोग नहीं किया जा सकता है, जब तक कि चिकित्सक द्वारा बड़ी चेचक होने का संदेह न हो।
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निरोधा छुट्टी उपभोग करने की शर्तें
झारखण्ड सेवा संहिता के तहत निरोधा छुट्टी (Quarantine Leave) शर्तों के अधीन स्वीकृत की जाती है। शर्तें निम्नलिखित है :-
- यह अवकाश स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र के आधार पर स्वीकृति प्रदान की जाती है।
- निरोधा छुट्टी अधिक से अधिक 21 दिन या विशेष परिस्थिति में 30 दिन तक स्वीकृत किया जा सकता है।
- निरोधा छुट्टी को कर्तव्य में माना जाता है।
- इस छुट्टी का वेतन मिलेगा।
- निरोधा छुट्टी सिर्फ छुआ-छूत रोग में ही प्रदान की जाती है।
सारांश
जब घर में किसी सदस्य की छुआ-छूत की बीमारी हो, तब निरोधा छुट्टी चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर उपभोग किया जा सकता है। संक्रामक रोग की स्थिति में सरकारी शिक्षक या सेवक इस छुट्टी का लाभ ले सकते है।
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