झारखण्ड राज्य सरकार द्वारा नियमित सरकारी शिक्षिकाओं और महिला कर्मचारयों को प्रत्येक माह में दो दिनों की विशेष आकस्मिक अवकाश (Special Casual Leave) देय है। यह आकस्मिक अवकाश के अतिरिक्त है। यह वित्त विभाग के पत्र संख्या 3 /एफ -2-01/92/1977 वि०, दिनांक 04-04-1992 के अलोक में प्रदान की गई है। इस छुट्टी का उपयोग के लिए कोई उम्र या खास दिन का नियमावली में उल्लेख नहीं है। समस्त सेवाकाल में प्रत्येक माह के किसी भी तिथि में लगातार 2 दिनों के लिए उपभोग किया जा सकता है।
विशेष आकस्मिक अवकाश (Special Casual Leave) रविवार या आकस्मिक अवकाश के आदि और अंत में जोड़े जा सकते है, किन्तु ऐसे अवकाश को मिलाकर अनुपस्थिति की कुल अवधि किसी एक समय में 12 दिनों से अधिक नहीं होनी चाहिए। इस प्रकार आकस्मिक अवकाश की अवधि के भीतर पड़ने वाले रविवार या अवकाश छुट्टी के अंश नहीं माने जाते है।
सरकारी कर्मचारियों के विभिन्न सेवा संघों की मांग और उनसे हुए समझौते को दृष्टिगत रखते हुए और महिलाओं की शारीरिक संरचना पुरुषों की अपेक्षा कमजोर व घर में सामाजिक दायित्व की अधिकता के कारण राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया की राज्य के सभी सरकारी महिला कर्मचारियों को 2 दिनों का विशेष आकस्मिक अवकाश (Special Casual Leave) दी जाए।
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विशेष आकस्मिक अवकाश (Special Casual Leave) का नया नियम
नया नियम के तहत स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा ऑनलाइन उपयोग करने का प्रावधान किया गया है। ई- विद्यावाहिनी पोर्टल में विद्यालय के हेडमास्टर या प्रधान शिक्षक या नियंत्री पदाधिकारी द्वारा ऑनलाइन छुट्टी स्वीकृति प्रदान करने का नियम है। सेवा संहिता के परिशिष्ट-13 के अनुसार विशेष आकस्मिक अवकाश का उपभोग और छुट्टी स्वीकृत नियमतः किया जा सकता है। ये नियम निम्न प्रकार से है :-
- नियमित महिला सरकारी शिक्षिका या सेविका का प्रत्येक माह में 2 दिन विशेष आकस्मिक अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है।
- यह अवकाश पंचांग वर्ष के अनुमान्य आकस्मिक अवकाश के अतिरिक्त होगा।
- यह छुट्टी प्रत्येक माह में दो लगातार दिनों के लिए एक ही बार अनुमान्य होगी।
- विशेष आकस्मिक अवकाश (Special Casual Leave) देने का अधिकार उन शिक्षकों या पदाधिकारियों को होगा, जिनको वर्तमान नियम के अनुसार आकस्मिक छुट्टी स्वीकृत करने की शक्ति प्रदत्त है ।
- यह छुट्टी सार्वजनिक अवकाश, आकस्मिक अवकाश एवं रविवार को मिलाकर लगातार 12 दिनों तक एक साथ उपयोग करने की झारखण्ड सेवा संहिता के परिशिष्ट 13 के नियम 2 (बी) में उल्लिखित सीमावधि के अधीन गठित होगी।
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यह छुट्टी सार्वजनिक अवकाश, आकस्मिक अवकाश एवं रविवार को मिलाकर लगातार 12 दिनों तक एक साथ उपयोग करने की झारखण्ड सेवा संहिता के परिशिष्ट 13 के नियम 2 (बी) में उल्लिखित सीमावधि के अधीन गठित होगी।
झारखण्ड सेवा संहिता- परिशिष्ट -13 के अलोक में स्वीकृत विशेष आकस्मिक अवकाश और वित्त विभाग के पत्रांक 1977/विo तिथि 4-4-1992 के अनुसार नियमित महिला शिक्षिकाएं और कर्मचारियों को स्वीकृत विशेष आकस्मिक अवकाश की अवधि की गणना पेंशन के लिए की जाएगी। विशेष आकस्मिक अवकाश पर स्थित सरकारी शिक्षिकाएं या सेविकाओं को कर्तव्य से अनुपस्थित नहीं समझा जाता है और उसका वेतन नहीं रुकता है।
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छुट्टी की सामान्य शर्त क्या है ?
आकस्मिक अवकाश का अधिकार पूर्वक दावा नहीं किया जा सकता है। आवश्यक स्थिति में छुट्टी नामंजूर की जा सकती है। छुट्टी प्रदान करने वाले प्राधिकार द्वारा आकस्मिक अवकाश की प्राथित छुट्टी से कम अवधि की छुट्टी मंजूर की जा सकती है। निलंबित शिक्षकों या कर्मचारियों का छुट्टी मंजूर करने का प्रावधान नहीं है। यदि सरकारी सेवक के आकस्मिक अवकाश पर अनुपस्थित रहने पर लोक सेवा में किसी तरह की हानि होगी, तो छुट्टी देने वाले और छुट्टी लेने वाले दोनों उत्तरदायी ठहराए जायेंगे। आकस्मिक अवकाश इस तरह से कभी नहीं देनी चाहिए की :-
- वेतन और भत्ते की गणना की तारीख हो,
- पदभार लेना या देना हो,
- छुट्टी के आरम्भ और अंत में,
- कर्तव्य पर लौटने समय।
सारांश
सरकारी महिला शिक्षिकाओं और सेविकाओं को प्रत्येक माह में 2 लगातार दिनों के लिए समस्त सेवाकाल अवधि में विशेष आकस्मिक अवकाश प्रदान की गयी है। यह माह में किसी भी लगातार दिनों (तिथि) के लिए मान्य है। निश्चित उम्र और माह में हर बार की निश्चित तिथि बाध्यकारी नहीं है।