राज्य परियोजना निदेशक के आदेश से सभी विद्यालय में स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। इस अभियान में विद्यालय के सभी बच्चों की सक्रिय भागेदारी सुनिश्चित हो इसकी जिम्मेदारी विद्यालय को दी गई है साथ ही ग्राम पंचायत के सदस्य, विद्यालय प्रबंध समिति, शिक्षकगण, बाल संसद, अभिभावक, माता समिति के सदस्यों आदि को भी कार्यक्रम से जोड़ना है।
विद्यालय में स्वच्छता पखवाड़ा का आयोजन 01 सितंबर से 15 सितंबर तक किया जाना है । इस कार्यक्रम में सभी विद्यालय भाग लेंगे। इस वर्ष अन्य गतिविधियों के अलावा पर्यावरण संरक्षण, बाल संसद, इको क्लब, जल शक्ति अभियान एवं किशोरी छात्राओं के लिए माहवारी स्वच्छता पर विशेष बल दिया गया है। साथ ही ऐसी गतिविधियों की जानी है, जिससे छात्र – छात्राओं के व्यवहार में स्वच्छता के प्रति परिवर्तन आए।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य
विद्यालय के बच्चों का सर्वांगीण स्वच्छता को अपने जीवन में आदत की तरह अपना कर स्वस्थ जीवन विकसित करना कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य है।

विद्यालय में स्वच्छता पखवाड़ा से लाभ
इस कार्य से विद्यालयों को तीन प्रकार के लाभ मिलेंगे।
- विद्यालय में बच्चों के ठहराव में वृद्धि होगी ।
- बच्चे शारीरिक, मानसिक एवं शैक्षणीक स्तर पर अधिक प्रभावशाली बनेंगे। बाल संसद के माध्यम से उनमें नेतृत्व क्षमता का विकास होगा ।
- विद्यालयों के आकर्षक, सुसज्जित, स्वच्छ एवं अनुकूल वातावरण के कारण बच्चों के उपलब्धि स्तर में वृद्धि होगी ।
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स्वच्छता पखवाड़ा का कार्यक्रम
विद्यालय में स्वच्छता पखवाड़ा के तहत निम्नलिखित कार्यक्रम करने का आदेश दिया गया है :-
- जिला स्तर पर “ स्वच्छता पखवाड़ा” अभियान का शुभारंभ किसी एक विद्यालय से किया जाय। कार्यक्रम के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु दूरदर्शन, रेडियो, प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रॉनिक मिडिया तथा अन्य संचार साधनों का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए।
- विद्यालय में स्वच्छता पखवाड़ा अभियान की सफलता हेतु सभी शिक्षकों को संवेदनशील एवं उत्तरदायी बनाने हेतु उन्मुखीकरण किया जाए। प्रत्येक शिक्षक अपने विद्यालय में स्वच्छता सुविधाओं की समीक्षा करेंगे । यदि आवश्यक हो, तो गुणवत्ता युक्त पेयजल की व्यवस्था, पेयजल स्रोत की जांच, शौचालय की साफ-सफाई की व्यवस्था, अन्य स्वच्छता सुविधाओं की मरम्मत और रखरखाव के लिए संबंधित मुखियाजी को प्रस्ताव या योजना बनाकर उपलब्ध कराएँगे ताकि 15वें वित्त आयोग की राशि से सुधारात्मक कार्य किया जा सके।
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- विशेष गुरुगोष्ठी का आयोजन कर “ स्वच्छता पखवाड़ा” अभियान के संबंध में सभी संबंधितों को विस्तृत जानकारी दी जाए ।
- विद्यालय में स्वच्छता पखवाड़ा के पहले कार्य दिवस में दिनांक 01 सितम्बर, 2024 को सभी विद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में “स्वच्छता शपथ” का आयोजन किया जाए, जहां सभी बच्चे, शिक्षक एवं अन्य सम्बंधित भाग लेंगें ।
- विद्यालय, शिक्षकों, बाल संसद, विद्यालय प्रबंध समिति आदि के बीच स्वच्छता के महत्व को बढ़ावा देने, अच्छी प्रथाओं को जारी रखने, प्रोत्साहित करने और प्रेरित करने के लिए पखवाड़ा के पहले सप्ताह में विद्यालय प्रबंध समिति या माता-पिता और शिक्षकों के जीव बैठक आयोजित किया जाए। सभी विद्यालय प्रबंध समिति अपनी बैठकों के एजेंडे में स्वच्छता संबंधी गतिविधियों को आवश्यक रूप से शामिल करेंगे।
- विद्यालय में स्वच्छता पखवाड़ा के दौरान प्रत्येक विद्यालय प्रतिदिन पाठचर्या में शामिल शुद्ध पेयजल, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य शिक्षा संबंधी विषयों पर शिक्षकों द्वारा व्याख्यान किया जाय।
- स्वच्छता पर अधिक बल देने के लिए मेधावी एवं अन्य क्षेत्रों में अच्छा कार्य करने वाले बच्चों को स्वच्छता राजदूत मनोनीत किया जाय।
- जिला शिक्षा पदाधिकारी इस पत्र की प्रति सभी निजी विद्यालयों को उपलब्ध करना सुनिश्चित करेंगे एवं बैठक कर उन्हें कार्यक्रम का हिस्सा बनाने हेतु प्रेरित करेंगे।
- जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला में कार्यरत स्वयं सेवी संस्थाओं या गैरसरकारी संगठनों या राष्ट्रिय-अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उन्हें भी इस कार्यक्रम में भाग लेने एवं सहयोग लेने हेतु प्रेरित करेंगे।
- उपायुक्त की अध्यक्षता में सभी सम्बंधित विभागों एवं संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर पुरे कार्यक्रम की रणनीति पूर्व में ही तैयार कर ली जाय।

सारांश
प्रत्येक वर्ष की भांति 1-15 सितम्बर तक राज्य परियोजना निदेशक के आदेश पर विद्यालय में स्वच्छता पखवाड़ा का आयोजन किया जाना है। कहा जाता है कि स्वस्थ मन में ही स्वस्थ तन निवास करती है। मन स्वस्थ रहेगा तो पढ़ाई में मन लगेगा, शारीरिक तौर पर बच्चे मजबूत होंगे। सफाई में सामूहिक भागेदारी होने से सामाजिक दायित्व का बोध होगा। मिलजुलकर काम करने की प्रवृत्ति बढ़ेगी। सफाई के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। बच्चों में मनोबल बढ़ेगा।