विद्यालय से जुड़े मुद्दों एवं समस्याओं के प्रति बच्चों को संवेदनशील बनाने तथा समाधान हेतु बाल संसद (Bal Sansad) के पदों की भूमिका एवं जिम्मेदारियां बहुत महत्वपूर्ण होती है। प्रारंभिक स्तर पर गुणवत्तायुक्त शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए झारखण्ड शिक्षा परियोजना द्वारा कई प्रयास किए गए हैं। सरकार की कोशिश है की सभी बच्चों को स्तरीय शिक्षा मिले तथा उनमें जीवन कौशल एवं नैतिक मूल्यों का विकास हो । विद्यालयों को संसाधन युक्त बनाने के साथ गुणवत्ता युक्त शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए एवं बाल अनुकूल स्थिति पैदा हो इसके लिए प्रदेश के सभी सरकारी विद्यालयों में बाल संसद का गठन किया जाता है। विद्यालय प्रबंधन से जुड़े मुद्दों को चिन्हित एवं संबंधित समस्याओं को ध्यान में रखते हुए विद्यालय प्रबंधन में बच्चों की भागीदारी आवश्यक है।
बाल संसद (Bal Sansad) के पदों की भूमिका एवं जिम्मेदारियां से विद्यालयों के शैक्षणिक वातावरण में आशातीत सुधार आया है। विद्यालय के कार्यक्रम का बेहतर क्रियान्वयन में बाल संसद (Bal Sansad) की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। इन गतिविधियों में बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित करने से बच्चों में स्वतः अनुशासन एवं सृजनात्मक प्रवृति का विकास होता है। बाल-संसद, विद्यालय एवं बच्चों से संबंधित एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसके माध्यम से विद्यालय प्रबंधन से जुड़े कई समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
बाल संसद (Bal Sansad) के पद
बाल संसद के अंतर्गत सांसदों की संख्या सभी विद्यालयों में एक जैसी नहीं होती है। अतः प्राथमिक विद्यालय एवं मध्य विद्यालयों में बाल संसद गठन के लिए विद्यालयों में नामांकित छात्रों की संख्या को ध्यान में रखते हुए संसदों की संख्या निर्धारित होती है। विद्यालयों में नामांकन के अनुसार सांसदों की संख्या का निर्धारण निम्न प्रकार से होगी :-
क्रमांक | निर्धारित मापदंड | सांसदों की संख्या |
---|---|---|
1 | 40 से कम नामांकित वाले विद्यालय | 20 |
2 | 40 से 100 | 25 |
3 | 101 से 300 | 35 |
4 | 301 से 500 | 60 |
5 | 501 से अधिक | 80 |
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बाल संसद (Bal Sansad) के पदों की भूमिका एवं जिम्मेदारियां
बाल संसद के अंतर्गत एक मंत्रिमंडल होगा। मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री सहित कुल 11 मंत्री होंगे । बाल संसद एवं मंत्रीमंडल गठन हेतु विद्यालय स्तर पर की जानेवाली कार्यवाही, पंजी में संधारित करके रखे जायेंगे ।
प्रधानमंत्री
- विभिन्न मंत्रियों के कार्यों की देख- रखे करना एवं मार्गदर्शन करते हुए सहयोग करना ।
- विद्यालय प्रबंधन हेतु चिन्हित कार्यों का साप्ताहिक या मासिक कार्य योजना का निर्धारण करना ।
- बच्चों की उपस्थिति का अनुश्रवण करना एवं अनुपस्थित रह रहे बच्चों को विद्यालय में नियमित करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन करना ।
- विद्यालय में अनुशासन बनाये रखने के लिए सभी मंत्रियों को दिशा-निर्देश देना ।
- पोषाहार वितरण में सरस्वती वाहिनी का सहयोग करना ।
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स्वास्थ्य मंत्री
- प्रार्थना के पश्चात सभी बच्चों का व्यक्तिगत स्वच्छता जाँच सुनिश्चित करना । जैसे: नाखून, बाल बनाना, साफ कपड़े पहनना, नहाना, जूते चप्पल पहनना, दाँत, नाक , कान एवं आँख को साफ रखना आदि।
- सभी बच्चों में भोजन के पूर्व एवं शौच के बाद हाथ धोने की आदत विकसित करने हेतु प्रेरित करना साथ ही यह सुनिश्चित करना किसभी बच्चे भोजन के पूर्व निर्धारित स्थान पर साबून से हाथ धोये।
- स्वच्छता के सात आयामों के संबंध में जानकारी देना ।
- विद्यालय एवं कक्षा की सफाई सुनिश्चित करना ।
- सोख्ता गड्ढा एवं कुड़ा गड्ढ़ा का निर्माण कराना ।
- विद्यालय परिसर में निर्मित शौचालय की साफ-सफाई एवं उसका उपयोग के संबंध में जागरूक करना ।
- विद्यालयों में स्वास्थ्य कार्ड की उपलब्धता एवं जाँच सुनिश्चित करना ।
- बच्चों को चश्मा,आयरन गोली एवं कृमि दवा का वितरण सुनिश्चित करना ।
खेलकूद एवं संस्कृति मंत्री
- विभिन्न तरह के खेलों का आयोजन कराना ।
- योग एवं व्यायाम, प्रार्थना नियमित कराना।
- खेल हेतु आवश्यक सामग्री की व्यवस्था के लिए विद्यालय प्रबंधन समिति या प्रधानाध्यापक के समक्ष प्रस्तुत करना।
- बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु “पहले पढ़ाई, फिर विदाई” कार्यक्रम का आयोजन।
- सामाजिक अन्धविश्वास और कुरूतियों को दूर करने के लिए जागरूक करना।
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शिक्षा मंत्री
- विद्यालय में उपलब्ध शिक्षण सामग्रियों का रख-रखाव एवं उपयोग सुनिश्चित करना।
- विद्यालय में संसाधन विकास एवं पूर्ति के लिए विद्यालय प्रबंधन समिति या प्रधानाध्यापक को मांग पत्र प्रस्तुत करना ।
- खेलकूद एवं पठ्येत्तर गतिविधि विद्यालय में नियमित संचालित कराना।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं प्रतियोगिता आदि का आयोजन करना।
- पुस्तकालय के रख-रखाव एवं उसके समुचित उपयोग हेतु कार्ययोजना का निर्माण ।
- प्रतिदिन पुस्तकालय गतिविधि विद्यालय में संचालित हो, उसे सुनिश्चित कराना ।
पर्यावरण मंत्री
- प्रत्येक कक्षा के लिए एक-एक बागवानी विकसित करने के लिए योजना का निर्माण करना एवं इसका क्रियान्वयन कराना ।
- विद्यालय हरा-भरा रहे इसके लिए मौसम के अनुसार फल-फूल के पौधे लगवाना ।
- बागवानी के सुरक्षा के लिए घेराबंदी करवाना।
- विद्यालय परिसर आकर्षक बना रहे इसके लिए उपाय करना ।
- यदि विद्यालय में बागवानी के लिए जमीन उपलब्ध नहीं है उस स्थिति में गमलों की व्यवस्था करके फूल के पौधों को लगवाना ।
सुरक्षा एवं न्याय मंत्री
- अनुशासन बनाए रखने की जिम्मेदारी ।
- अनुशासन हेतु क्लास मॉनीटर बनाने का अनुरोध करना।
- प्रार्थना सभा में हाउस के अनुसार पंक्तिवद्ध खड़े करना।
- मध्याहन भोजन ग्रहण के समय लाइन लगाना ताकि कोई दुर्घटना या अनहोनी न हो।
- बच्चों के आपसी झगड़े या मनमुटाव को सुलझाकर सौहादपूर्ण पढ़ाई का वातावरण तैयार करना।
- सुरक्षा हेतु जुडो कराटे सीखना सिखाना।
- पोक्सो एक्ट, की जानकारी देना।
- बाल विवाह, बाल मजदूरी एवं मानव तस्करी पर रोक लगाने की उपाय तथा इस पर रोक के लिए जागरूक करना।
उपस्थिति मंत्री
- बच्चों का नियमित और ससमय उपस्थिति सुनिश्चित करना।
- प्रत्येक गतिविधि में सभी हिस्सेदारी सुनिश्चित करना।
- विद्यालय प्रबंधन समिति और शिक्षक अभिभावक बैठक में सभी की उपस्थिति सुनिश्चित करना।
स्वच्छता मंत्री
- विद्यालय प्रांगण की प्रतिदिन सफाई करना, विद्यालय के बरामद, कार्यालय एवं कक्षाओं का प्रतिदिन सफाई करना ।
- कूड़ा गड्ढा एवं सोख्ता गड्ढा का निर्माण करना तथा इसका उपयोग करना या करवाना ।
- बरामदा, शौचालय एवं कक्षों के दिवारों पर स्वच्छता संबंधी निर्देशों, संदेशों को चार्ट पेपर में लिखकर चिपकाना ।
- स्वच्छता संबंधी सभी सामानों का रिकार्ड (सूची) रखना एवं उन्हें संभालकर रखना ।
- यदि चाहरदीवारी बाँस की हो तो टूटने पर तुरन्त मरम्मत करना, प्रागंण में क्यारी बनाकर पौधा लगाना, पानी डालना ।
- कक्षा की दैनिक सफाई करना, कक्षा में कूड़ादान रखना, कक्षा के बाहर बच्चों द्वारा चप्पल सजाकर रखना, कक्षा में सुव्यवस्थित ढंग से बैठना ।
संचार एवं संपर्क मंत्री
- प्रार्थना सभा में समाचार पत्र वाचन हेतु सभी छात्रों को प्रेरित करना एवं स्वंय भी पढ़ना।
- बच्चों के साथ स्मार्ट क्लास में टेलीविजन या प्रोजेक्टर पर शैक्षणिक सामग्री के साथ समाचार देखना।
- अच्छी प्रेरणादायक शिक्षाप्रद कहानी सुनाना।
- सभी शिक्षकों का मोबाइल नंबर के साथ पुलिस संपर्क नंबर, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर , एम्बुलेंस का नंबर दीवाल पर लिखने हेतु प्रधानाध्यापक और विद्यालय प्रबंधन समिति से आग्रह करना।
- मध्याहन भोजन मेनू के ऊपर या नीचे जिला शिक्षा अधीक्षक का मोबाइल नंबर लिखने हेतु प्रधानाध्यापक और विद्यालय प्रबंधन समिति से आग्रह करना।
- विद्यालय प्रबंधन समिति और बाल संसद के सदस्यों का विवरणी दीवार पर लिखने हेतु प्रधानाध्यापक और विद्यालय प्रबंधन समिति से आग्रह करना।वव विद्यालय की समस्त सूचना नोटिस बोर्ड में लिखा हुआ या चिपका हुआ रहना चाहिए इसकी व्यवस्था करवाना।
बाल संसद का कार्यकाल
बाल संसद का कार्यकाल एक वर्ष का होता है। उस वर्ष का शैक्षणिक सत्र समाप्त होते ही मंत्रिमंडल का कार्यकाल भी समाप्त हो जाता है। इसका चुनाव प्रतिवर्ष होता है।
निष्कर्ष
बाल संसद (Bal Sansad) के पदों की भूमिका एवं जिम्मेदारियां विद्यालय में शैक्षणिक गुणात्मक विकास के लिए आवश्यक है। इससे बच्चों में अनुशासन और कुछ नया और ज्यादा करने की भावना को जन्म देती है। सोचने और करने की क्षमताओं में वृद्धि होती है।