शिक्षा विभाग के आदेश से झारखण्ड के विद्यालयों में अध्ययनरत सभी छात्र-छात्राओं का अपार आईडी कार्ड (APAAR ID CARD) बनाया जायेगा। यह आईडी 12 अंकों की होगी। ” एक देश एक स्टूडेंट आईडी ” के तहत हर छात्रों का एक यूनिक नंबर अपार आईडी कार्ड में होगा। अपार कार्ड को आधार से लिंक किया जायेगा। यह आईडी डिजिलॉकर में सदा के लिए उपलब्ध रहेंगे। छात्रों को मिलने वाली सभी प्रकार की लाभ के लिए इस आईडी नंबर की जरुरत पड़ेगी। छात्र डिजिलॉकर से कभी भी डाउनलोड कर सकते है।
APAAR ID CARD को बनाने के लिए माता-पिता या अभिभावक की सहमति आवश्यक है। माता-पिता अपने बच्चों को अन्य स्कूल में एडमिशन करने पर भी यह नंबर नहीं बदलेगा अर्थात पुरे देश में एक स्टूडेंट एक आईडी ही रहेगी। इससे सरकार को लाभ देने में सहूलियत होगी। इसकी सबसे खासियत यह है की विद्यार्थियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज के रूप में कार्य करेगी।
झारखण्ड शिक्षा परियोजना परिषद् द्वारा सभी विद्यालयों को आदेश दिया गया है कि आईडी निर्माण के बाद, विद्यालय प्रबंधन द्वारा सभी बच्चों का APAAR ID का विद्यालय में एक पंजी पर संधारित करेंगे। भविष्य में विद्यालय के बच्चों का आइडेंटिटी कार्ड (परिचय-पत्र) प्रोग्रेस रिपोर्ट कार्ड या रिजल्ट आदि पर उनके APAAR ID का उल्लेख करनाअनिवार्य होगा।

अपार आईडी का उद्देश्य
अपार आईडी प्रत्येक छात्र के शैक्षणिक इतिहास का एक विस्तृत और स्थायी अभिलेख बनाए रखने में मदद करेगा, जिसमें लिए गए पाठ्यक्रम, अंक, प्रमाणपत्र, और विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में प्राप्त उपलब्धियाँ शामिल होंगी, और यह सब डिजी लॉकर के साथ इसके एकीकरण के माध्यम से संभव होगा।
APAAR का Full Form क्या है ?
Automated Permanent Academic Account Registry को संक्षिप्त में APAAR कहते है। अपार को हिंदी में इससे “स्वचालित स्थायी शैक्षणिक खाता रजिस्ट्री ” कहा जाता है।
अपार आईडी कार्ड का कार्य :
अपार को शिक्षा मंत्रालय द्वारा भारत में प्राथमिक स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा, और कौशल शिक्षा में पढ़ रहे सभी छात्रों के लिए तैयार किया गया है। अपार के दायरे में सभी प्रकार के स्कूल प्रबंधन शामिल हैं, चाहे उनकी रैंकिंग या स्थिति कुछ भी हो।
अपार आईडी कार्ड अभिभावकों की सहमति से छात्रों की हित को ध्यान में रख कर बनाने का नियम है। अभिभावक जब चाहे अपने स्वीकृति को कैंसिल कर सकती है। इस कार्ड से छात्रों को अपनी स्वयं की पहचान प्रदान करने में सहायता मिलेगी। इसके अलावे निम्नलिखित कार्य है :-
- शिक्षा विभाग द्वारा छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों और अन्य योगदानों को ट्रैक करने में आसानी होगी।
- सरकार ड्रॉपआउट छात्रों पर नजर रख सकेगी।
- अपार आईडी कार्ड से बच्चों का डिजीलॉकर इकोसिस्टम बनेगा।
- विभाग को स्टूडेंट्स के सभी परीक्षा परिणाम, रिपोर्ट कार्ड, हेल्थ कार्ड, ओलंपियाड, खेल और अन्य योगदानों का डेटा एक ही जगह पर मिल सकेगा।
- छात्रों को शैक्षणिक गतिविधियों में जोड़ने में सहूलियत होगी ।
- सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे बच्चों को प्राप्त होगा जिसे छात्रवृत्ति , स्कुल किट , पोशाक, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड , सावित्रीबाई फुले छात्रवृत्ति योजना आदि बच्चों तक पहुंचाने में किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका नहीं रहेगी।
- छात्रों को इस आईडी कार्ड से क्रेडिट स्कोर मिलेंगे, जिसका फायदा वे उच्च शिक्षा या रोजगार के लिए कर सकते है ।
- छात्र का एक स्कूल से दूसरे स्कूल में स्थानांतरण आसान हो जाएगा क्योंकि इस अपार आईडी कार्ड में छात्र का पूरा शैक्षणिक डेटा होगा। इस प्रकार, प्रखंड जिला, राज्य या देश के किसी भी हिस्से में किसी नए स्कूल या संस्थान में प्रवेश लेना परेशानी मुक्त हो जाएगा।
अपार आईडी कार्ड (APAAR ID CARD) से लाभ
अपार किसी भी सरकारी योजना का लाभ उठाने के लिए अनिवार्य नहीं है। हालांकि, अपार उपयोगकर्ताओं और अन्य सभी हितधारकों को योजनाओं की प्रभावशीलता के बारे में जानकारी प्रदान करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि पहलों की दक्षता में सुधार के लिए डेटा-आधारित निर्णय लिए जाएं। यह यह भी सुनिश्चित करेगा किस भी आवश्यक दस्तावेज़ एक ही स्थान पर उपलब्ध हों और संचालन प्रक्रिया में सुधार हो ।
- छात्रों की गतिशीलता को सहज बनाना: विभिन्न कारणों से छात्रों का कई संस्थानों में पढ़ाई करना सामान्य है, अपार एक एकीकृत प्रणाली के रूप में कार्य करेगा जो विभिन्न राज्यों और बोर्डों में छात्रों के लिए उपलब्ध होगी, जिससे वे एक संस्थान से दूसरे संस्थान में जाते समय सहज संक्रमण और लगातार रिकॉर्ड सुनिश्चित कर सके।
- डेटा की सटीकता और निरंतरता में सुधार : अपार आईडी कार्ड छात्रों के रिकॉर्ड का एक एकीकृत और विश्वसनीय डेटाबेस प्रदान करेगा, जिससे कई प्रविष्टियों के कारण होने वाली विसंगतियाँ और गलतियाँ कम होंगी। यह निरंतरता सुनिश्चित करेगी कि शैक्षणिक डेटा सटीक और नवीनतम रहे, जिससे छात्रों और शैक्षणिक संस्थानों दोनों को लाभ होगा।
- शैक्षणिक रिकॉर्ड का संग्रहण : अपार आईडी कार्ड से जुड़े डिजी लॉकर खाते छात्रों द्वारा सभी शैक्षणिक उपलब्धियों को एक सुरक्षित स्थान पर डिजिटल रूप से संग्रहित और साझा करने के लिए उपयोग किए जा सकते हैं।
- नीति निर्माण और संसाधन आवंटन में सुधार: अपार के माध्यम से एकत्रित डेटा वीएसके के साथ साझा किया जाएगा, जो शैक्षणिक नीतियों और संसाधन आवंटन के निर्णय लेने में सहायक होगा। वीएसके प्रवृत्तियों का विश्लेषण करने, शैक्षणिक परिणामों का मूल्यांकन करने और क्षेत्र विशेष की आवश्यकताओं के अनुसार क्षेत्र विश्लेषण में मदद करेगा।
- सर्व शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 का कार्यान्वयन: अपार प्रत्येक बच्चे के नामांकन, उपस्थिति और शैक्षणिक प्रगति की निगरानी में सुविधा प्रदान करता है, जिससे 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा की आरटीई अधिनियम की अनिवार्यता का पालन सुनिश्चित होता है।
- ड्रॉपआउट की रोकथाम: छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड की निगरानी करके, अपार जोखिम में चल रहे छात्रों की पहचान करने में मदद करता है, जिससे समय पर हस्तक्षेप संभव होता है और स्कूल प्रणाली से बाहर होने से रोका जा सकता है।
यह भी पढ़ें : सैलरी स्लिप कैसे डाउनलोड करें?
APAAR ID CARD कैसे बनेगा ?
विद्यालय द्वारा एक अभिभावक- शिक्षक गोष्ठी (PTM) आयोजित की जाएगी। गोष्ठी में अपार आईडी के बारे जानकारी दी जायगी। माता-पिता या अभिभावक की अनुमति से APAAR ID निमार्ण के लिए सहमति पत्र पर उनका हस्ताक्षर होगा।
PTM में अभिभावकों द्वारा यह सवाल किया जा सकता है की सहमति पत्र पर उनका हस्ताक्षर क्यों आवश्यक है ? ऐसे में विद्यालय के प्रधानाध्यापक या अन्य शिक्षक द्वारा यह समझाने या बताने की आवश्यकता है की देश में 18 वर्ष की आयु से कम के छात्रों को नाबालिग माना जाता है। भारत में कानूनी और नैतिक मानदंडों के अनुसार, व्यक्तिगत और संवेदनशील जानकारी, जिसमें शैक्षणिक और पहचान डेटा शामिल है, को बनाने के लिए माता-पिता या अभिभावक की सहमति आवश्यक है। सहमति हेतु पत्र में हस्ताक्षर होना अनिवार्य है।
ध्यान रहे बच्चों का बिना आधार कार्ड के अपार आईडी कार्ड नहीं बनाया जा सकता है है। जिसके पास आधार कार्ड नहीं है वैसे छात्र आधार सेंटर जाकर तुरंत आधार कार्ड बनवा लें। जिनके पास आधार कार्ड है उन सभी बच्चों के माता – पिता या अभिभावक से सहमति पत्र प्राप्त करने के पश्चात विद्यालय द्वारा निम्न प्रक्रिया अपनाकरअपार आईडी कार्ड बना सकते है :-
सबसे पहले U-DISE + पोर्टल में लॉगिन करेंगे। लॉगिन के लिए यूजर आईडी में स्कूल यू -डायस कोड और पासवर्ड लिखेंगे।
U-DISE + पोर्टल पर School के User ID से Student Module में login कर APAAR module टैब पर जाऐंगे। पोर्टल पर सहमति पत्र प्राप्त हो चुकी छात्रों के विवरण दर्ज करेंगे। विवरणी निम्न प्रकार से होगी :-
- नाम
- लिंग
- जन्म तिथि
- माता का नाम
- पिता का नाम
- आधार संख्या।
अपार (APAAR) नंबर के लिए UDISE Plus – (SDMS) में लॉगिन करें या इस लिंक को क्लिक करें –https://sdms.udiseplus.gov.in/ और स्टेट में JHARKHAND को सेलेक्ट करते हुए लॉगिन पेज पर जाएं।
उसके बाद APAAR Module को क्लिक करें। ऊपर की ओर Class/Grade में कक्षा और सेक्शन में अगर कोई सेक्शन है तो उससे चूज़ करें अन्यथा सेक्शन A को सेलेक्ट करें और GO बटन पर क्लिक कर दीजिये। अब उस कक्षा के सभी छात्रों का नाम दिखेंगें। नाम की पंक्ति के आखरी में दाहिनी ओर Generate का ऑप्शन दिखाई देगा। उससे क्लिक करते ही छात्र से सम्बंधित कुछ डेटा भरने होंगे। सही से भरने के पश्चात क्लिक करते ही APAAR ID नंबर स्वतः Generate हो जायेगा।
इस प्रकार U-DISE + के APAAR module के माध्यम अपार आईडी कार्ड बनाया जा सकता है। अंत में,अपार कार्ड बनने के बाद इसे सुरक्षित रूप से छात्र के Digital Locker खाते में भेज दी जाएगी जिसे छात्र कही से और कभी भी डाउनलोड कर सकते है।
पोर्टल पर यदि छात्रों के विवरण की पुष्टि में असफलता होती है या कोई अन्य त्रुटियाँ होती है तो U-DISE + पोर्टल के APAAR module में ही विद्यालय को त्रुटि संदेश दिखाएगा। विद्यालय द्वारा त्रुटि संदेश को संबंधित बच्चें के माता-पिता के साथ साझा करने का निर्देश है। विद्यालय माता-पिता को आवश्यक सुधार हेतु Common Service Center (CSC) पर भेज सकते है। विद्यार्थी या उनके माता या पिता या अभिभावक CSC से बच्चें के APPAR Card का प्रिंट प्राप्त कर सकते है।
अपार आईडी बनाने की विधि :-
चरण-1: अभिभावक-शिक्षक बैठक (पीटीएम) का आयोजन करें: स्कूलों को अपार और इसके विशिष्ट उपयोग मामलों को पेश करने और “छात्र अपार आईडी बनाने के लिए एक पीटीएम की व्यवस्था और संचालन करना होगा।
चरण-2: सहमति प्रपत्र वितरित करें: स्कूल अभिभावकों को भौतिक सहमति प्रपत्र उपलब्ध कराते हैं।
चरण-3: माता-पिता की सहमति प्राप्त करें: नाबालिग छात्रों के लिए, माता-पिता को अनुमति प्रपत्र भरकर उस पर हस्ताक्षर करना होगा, जबकि स्कूल छात्र और माता-पिता की पहचान की पुष्टि करेगा।
चरण 4: अपार के बारे में जानकारी दें: स्कूलों को छात्रों और उनके माता-पिता को अपार का पूर्ण अवलोकन प्रदान करना होगा ।
चरण 5: सहमति प्राप्त करें: स्कूलों को माता-पिता से “भौतिक सहमति प्रपत्र ” एकत्रित और संग्रहीत करना होगा। सहमति प्रपत्र प्राप्त करने के बाद अभिभावक शिक्षक बैठक आयोजित की जा सकती है।
चरण-6: अपार मॉड्यूल की पहुँच प्राप्त करें: स्कूल के यूडीआईएसई समन्वयक या कक्षा शिक्षक पीटीएम के बाद यूडीआईएसई + पोर्टल में लॉगिन करें और अपार मॉड्यूल टैब पर जाएँ।
चरण -7: जानकारी की पुष्टि करें: स्कूल प्राधिकृत केवल उन छात्रों के विवरण की पुष्टि करेंगे जिनकी सहमति प्राप्त हो चुकी है (जैसे, नाम, लिंग, जन्मतिथि, माता-पिता के नाम, आधार संख्या) ताकि यूडीआईएसई + अपार मॉड्यूल के माध्यम से अपार आईडी बनाई जा सके।
चरण-8: अपार आईडी उत्पन्न करें: यूडीआईएसई समन्वयक या कक्षा शिक्षक छात्रों के विवरण की सफल पुष्टि के बाद अपार आईडी बनाएंगे। इसके बाद, यह सुरक्षित रूप से छात्र के डिजिलॉकर खाते में भेज दी जाएगी। माता-पिता को उनके आधार जुड़े पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक पुष्टिकरण एसएमएस भेजा जाएगा।
चरण-9: अपार आईडी साझा करें: सफल अपार आईडी निर्माण के बाद, स्कूल “अपार आईडी ” को छात्रों और उनके माता- पिता को प्रदान करते हैं। इसके अतिरिक्त, स्कूल प्राधिकृत अपने स्कूल आईडी कार्ड में भी अपार आईडी संख्या का उल्लेख करते हैं। यूडीआईएसई+ प्रणाली में अपडेट किए गए पंजीकृत मोबाइल नंबर पर अभिभावकों को एक पुष्टिकरण एसएमएस भेजा जाएगा।
चरण-10: अपार आईडी बनाने में विफलता: यदि छात्रों के विवरण की पुष्टि में असफलता होती है या कोई अन्य त्रुटियाँ होती हैं, तो यूडीआईएसई पोर्टल स्कूल प्राधिकृत को त्रुटि संदेश दिखाएगा। स्कूल माता-पिता को आवश्यक सुधार के लिए कॉमन सेवा केंद्र (सीएससी) पर भेज सकता है। अपार निर्माण प्रक्रिया से संबंधित किसी भी सहायता के लिए कृपया टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर: 1800-889-3511 पर संपर्क करें।