Harsh Johar Children will study while playing
झारखंड सरकार के शिक्षा विभाग ने दिल्ली की तर्ज पर हर्ष जोहार ( Harsh Johar) पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। इसके तहत बच्चों को खेल -खेल में शिक्षा दी जाएगी।
झारखण्ड में यह उत्कृष्ट विद्यालय में शुरू की गई है जहाँ के छात्रों के लिए 45 मिनट की एक घंटी का प्रावधान किया गया है। प्रारम्भ में विभाग ने उत्कृष्ट विद्यालय के दो शिक्षकों को प्रशिक्षित किया है तथा उन्हें उस विद्यालय के बाकी शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की जिम्मेवारी दी गई है।
हर्ष जोहार (Harsh Johar) पाठ्यक्रम कौन सी कक्षा के लिए है ?
उत्कृष्ट विद्यालय में इस हर्ष जोहार (Harsh Johar) पाठ्यक्रम को प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक तक लागू किया गया है।

क्या है हर्ष जोहार (Harsh Johar) पाठ्यक्रम?
हर्ष जोहार से बच्चे तनावमुक्त वातावरण में पढ़ाई कर पाएंगे। उन्हें विभिन्न तरह की गतिविधियों के माध्यम से सिखाया जायेगा, जैसे – नृत्य, गीत, संगीत, रोचक कहानी , ध्यान, योगा , चित्रकारी, पसंदीदा खेल आदि। इन गतिविधियों को कराते हुए छात्र के साथ शिक्षकों में भी बच्चों सा अनुभव होने होगा।
शिक्षा की ये पद्धति छात्रो का शारीरिक व मानसिक विकास में सहायता करेगी। इससे बच्चे पढ़ाई को खेल समझेंगे और उन्हें किताब बोझ महसूस नहीं होगा।
हर्ष जोहार (Harsh Johar) का उद्देश्य :-
झारखण्ड सरकार द्वारा कक्षा एक से बाहरवीं तक के बच्चों की विभिन्न आवश्यकता और उनकी सामाजिक-सांस्कृतिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए शुरू किया गया है। हर्ष जोहार (Harsh Johar) पाठ्यक्रम का उद्देश्य राज्य के विद्यार्थियों को उनकी नकारात्मक व भावनात्मक अनुभवों से उबरने की कला सीखना, कठिन से कठिन समस्याओं को प्रभावी ढंग से उबरने में सक्षम बनाना, आत्म विकास के लिए उनके प्रयास को बल देना, एक दूसरे से सकारात्मक संबंध बनाने एवं दूसरों के प्रति सहानुभूति के महत्व को समझाना है। आने वाले दिनों में राज्य के और कई विद्यालय के बच्चे हर्ष जोहार से जुड़ेंगे।
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