स्कुली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के आदेश के तहत झारखंड के सभी स्कूलों में बाल संसद का गठन ( Baal Sansad ka Gathan )किया जाना है। बाल संसद में छात्र छात्राएं दोनों को रखना है। बाल संसद का कार्यकाल एक शैक्षणिक सत्र के लिए होता है। Impact PROJECT के तहत विद्यालय में कुल नामांकन के अनुसार बाल संसद के सदस्य होंगे।
नामांकन के अनुसार सांसदों की संख्या
प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में बाल संसद के गठन हेतु नामांकित बच्चों की संख्या का आधार पर सांसदों की संख्या निर्धारित की जाएगी। नीचे की तालिका देखे –
क्रम संख्या | निर्धारित मापदंड | सांसदों की संख्या |
---|---|---|
1 | 40 से कम नामांकन संख्या | 20 |
2 | 40 से 100 तक नामांकन संख्या | 25 |
3 | 101 से 300 तक नामांकन संख्या | 35 |
4 | 301 से 500 तक नामांकन संख्या | 60 |
5 | 501 से अधिक नामांकन संख्या | 80 |

बाल संसद गठन का नियम (Baal Sansad ka Gathan )
बाल संसद (Baal Sansad) का गठन करने के लिए विद्यालय को नीचे दी गई नियम और प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य होगा।
- कुल सांसदों में आधे सांसद बालिकाएं होंगी।
- चयनित सदस्यों में से सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुनेंगे।
- कक्षा 1 और 2 के छात्रों को छोड़कर सभी कक्षाओं से सांसद चुने जायेंगे।
- सांसदों का कार्यकाल एक शैक्षणिक सत्र का होगा।
- मंत्रिमंडल में 11 मंत्रिपद होंगे।
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बाल संसद के मंत्रिमंडल के मंत्रिपदों की संख्या और पदनाम
बाल सांसदों की संख्या स्कुल में कुल नामांकित संख्या के आधार पर होगी लेकिन मंत्रिपद 11 ही होंगे। संख्या और मंत्रिपद निम्न अनुसार होंगे :-
क्रम संख्या | पद का नाम | संख्या |
---|---|---|
1 | प्रधानमंत्री | 1 |
2 | स्वास्थ्य मंत्री | 1 |
3 | स्वच्छता मंत्री | 1 |
4 | सुरक्षा एवं न्याय मंत्री | 1 |
5 | पोषण मंत्री | 1 |
6 | उपस्थिति मंत्री | 1 |
7 | शिक्षा मंत्री | 1 |
8 | कौशल विकास मंत्री | 1 |
9 | पर्यावरण मंत्री | 1 |
10 | खेलकूद एवं संस्कृति मंत्री | 1 |
11 | संचार एवं संपर्क मंत्री | 1 |
बाल संसद का कार्य
बाल संसद अपने मंत्रिपद में पाए कार्य को कराएँगे और करेंगे साथ ही अन्य छात्रों से इससे सहायता लेंगे और देंगे। बाकी सदस्य मंत्रिमंडल के कार्यों का सहयोग करेंगे। इसके अलावे निम्नलिखित कार्य है :-
- बाल संसद (Baal sansad) का कार्य नई योजनाएँ बनाना सीखना ।
- शिक्षण कार्य का बेहतर संचालन।
- सह-संज्ञानात्मक गतिविधियों का सफलतापूर्वक संचालन।
- बच्चों का सर्वांगीण विकास।
- बच्चों की नियमित उपस्थिति।
- समस्याओं का समाधान करना सीखना ।
- विद्यालय का समुदाय से जुड़ाव।
- विद्यालय का समय सारिणी के अनुसार पठन-पाठन |
- पुस्तकालय का उपयोग एवं प्रबंधन सीखना।
- विद्यालय को आकर्षक बनाना।
बाल संसद गठन की पूरी प्रक्रिया जानने के लिए डाउनलोड करें Download Here
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