राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 हमारे देश की नई शिक्षा व्यवस्था है। यह नीति बताती है कि स्कूल में बच्चों को अब कैसे और क्या पढ़ाया जाएगा। इस नीति को 34 साल बाद 2020 में बनाई गई है, ताकि पढ़ाई को और बेहतर, आसान और रोजगार देने लायक बनाया जा सके। इसके तहत पढ़ाई के साथ-साथ काम सीखने पर जोर, हर बच्चे को अच्छा तथा बराबर शिक्षा देने की कोशिश और शिक्षकों की ट्रेनिंग, वेतनवृद्धि एवं प्रमोशन का नया सिस्टम बनाया गया है।
हर शिक्षक को समय-समय पर प्रशिक्षण (In-service training) दिया जाएगा, ताकि वह नई चीजें सीख सके और बच्चों को बेहतर पढ़ा सके।

शिक्षकों के वेतन और प्रमोशन के नियम (Salary and promotion rules for teachers)
राष्ट्रीय पेशेवर मानक (एनपीएसटी) एक ऐसा नियम है जो यह तय करेगा कि एक अच्छा शिक्षक बनने के लिए क्या-क्या योग्यताएं होनी चाहिए। यह नियम झारखण्ड सहित पूरे देश में सभी शिक्षकों के लिए एक जैसा होगा।
इस नियम में यह बताया जाएगा कि एक शिक्षक को कौन-कौन से काम करने चाहिए, उसे क्या-क्या आना चाहिए, और उसके काम को कैसे जांचा जाएगा। इसमें यह भी बताया जाएगा कि शिक्षक शुरुआत में क्या-क्या सीखेगा, और आगे चलकर कैसे बढ़ेगा।
यह नियम टीचर बनने से पहले की पढ़ाई (बीएड जैसी ट्रेनिंग) में भी इस्तेमाल होगा, ताकि टीचरों को शुरू से ही अच्छी तरह तैयार किया जा सके।
राज्य सरकारें इन नियमों को अपनाकर यह तय करेंगी कि किस शिक्षक को कब और कैसे प्रमोशन देना है। चाहे वार्षिक वेतन वृद्धि हो, या प्रखंड, जिला, राज्य स्तर अथवा राष्ट्रपति पुरस्कार – यह तय किया जाएगा कि किस शिक्षक को यह सम्मान दिया जाए। इसके लिए मानक उनके कार्यों के आधार पर निर्धारित किए जाएंगे।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP2020) के तहत शिक्षकों के वेतन और प्रमोशन के नियम (Salary and promotion rules for teachers) में बदलाव हुआ है। अब प्रमोशन केवल सीनियॉरिटी के आधार पर या सीधे ग्रेड -4 में नियुक्त के आधार पर नहीं मिलेगा, बल्कि यह देखा जाएगा कि शिक्षक ने कितना अच्छा कार्य किया है।
झारखंड सहित कई राज्यों में शिक्षकों को C-CPD प्रशिक्षण (Continuous – Comprehensive Professional Development) दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण के बाद ऑनलाइन मूल्यांकन (Assessment Test) भी लिया जाता है। इस आकलन में प्राप्त अंक या पॉइंट भविष्य में शिक्षकों की वेतनवृद्धि और पदोन्नति तय करने में सहायक हो सकते हैं।
शिक्षकों के वेतन और प्रमोशन के नियम के लिए 2030 में इनकी दोबारा समीक्षा की जाएगी, यानी फिर से देखा जाएगा कि ये सही है या नहीं। इसके बाद हर 10 वर्ष में दोबारा इसकी जांच की जाएगी, ताकि शिक्षक की गुणवत्ता अच्छी बनी रहे।
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