सरकारी विद्यालय के छात्रों में गुणात्मक सर्वांगीण विकास हेतु एक नई सोच के साथ एक नई पहल की शुरुआत की गई है। इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है। वर्ग तीन एवं उससे ऊपर की कक्षाओं में शिक्षक के मार्गदर्शन एवं निगरानी में छात्र द्वारा चक्रवार पद्धति से उपस्थिति पंजी में छात्रों की उपस्थिति दर्ज करेंगे।
शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं होती, बल्कि यह एक ऐसा माध्यम है जो छात्रों को जीवन के हर पहलू के लिए तैयार करता है। आज की आधुनिक शिक्षा प्रणाली में छात्रों को केवल ज्ञान देना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उन्हें जिम्मेदार, आत्मनिर्भर और सामाजिक रूप से सक्रिय नागरिक बनाना भी आवश्यक है। इसी संदर्भ में बादल राज, जिला शिक्षा अधीक्षक रांची ने छात्रों को कक्षा में उपस्थिति दर्ज करने जैसी नई ज़िम्मेदारियाँ देकर नवाचार को नये आयाम प्रदान किये हैं। इस नई पहल के अभ्यास से केवल उपस्थिति दर्ज करने तक सीमित नहीं है , बल्कि छात्रों के समग्र विकास का एक साधन है।

Student Attendance का उद्देश्य
छात्रों को उपस्थिति जैसी ज़िम्मेदारी देना, उन्हें नेतृत्व, अनुशासन और ईमानदारी जैसे महत्वपूर्ण जीवन मूल्यों की ओर अग्रसर करता है। यह पहल न केवल शिक्षक का सहयोग करती है, बल्कि शिक्षा के असली उद्देश्य “व्यक्तित्व विकास” को भी सफल बनाती है।
जब किसी छात्र को उपस्थिति दर्ज करने की नई ज़िम्मेदारी दी जाती है, तो वह अपने को एक महत्वपूर्ण भूमिका में पाता है। इससे उसमें आत्मविश्वास बढ़ता है और वह जिम्मेदार बनने की ओर अग्रसर होता है। यह नेतृत्व विकास का एक छोटा लेकिन बहुत ही असरदार है। छात्रों को जब शिक्षक की निगरानी में यह कार्य सौंपा जाता है, तो यह उनके प्रति विश्वास का संकेत होता है। इससे छात्रों को यह महसूस होता है कि शिक्षक उन पर भरोसा करते है, जिससे वे और अधिक ईमानदारी और निष्ठा से काम करते हैं। इसे शिक्षक और छात्र के मध्य पारदर्शिता और आपसी भरोसे की भावना मजबूत होती है।
फायदे
जैसा की ऊपर में पढ़ चुके है की शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं होती है। यह एक ऐसा माध्यम है जो छात्रों को जीवन के हर पहलू के लिए तैयार करता है। आधुनिक शिक्षा प्रणाली में छात्रों को केवल ज्ञान देना ही पर्याप्त नहीं है, अपितु उन्हें जिम्मेदार, आत्मनिर्भर और सामाजिक रूप से सक्रिय नागरिक बनाना भी आवश्यक है। इसी संदर्भ में शिक्षकों की निगरानी में छात्रों को कक्षा में पंजी पर उपस्थिति दर्ज करनी है।
आइये जानते हैं की कक्षा में शिक्षक के स्थान पर छात्र द्वारा उपस्थिति बनाने के फायदे :-
➢ उपस्थिति जैसे नियमित कार्य को छात्र द्वारा कराए जाने से शिक्षक का समय और मानसिक ऊर्जा बचती है, जो वह पढ़ाई की गुणवत्ता सुधारने में लगा सकते हैं।
➢ सभी छात्रों को यह ज़िम्मेदारी बारी-बारी से देने पर समानता और पारदर्शिता की भावना बढ़ती है, साथ ही छात्रों में आपसी विश्वास बढ़ता है।
➢ उपस्थिति के दौरान सभी छात्रों से संपर्क बनाना होता है, जिससे उस छात्र के संवाद कौशल में सुधार होता है। ज्ञातव्य हो की संवाद क्षमता में बढ़ोत्तरी हेतु रांची के सरकारी विद्यालय में RanchiSpeak कार्यक्रम अलग से चलाये जा रहे है।
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➢ छात्रों को जब शिक्षक द्वारा यह कार्य सौंपा जाता है, तो यह उनके प्रति विश्वास का संकेत होता है। इससे छात्रों को यह महसूस होता है कि शिक्षक उन पर भरोसा करता है, जिससे वे और अधिक ईमानदारी और निष्ठा से काम करते हैं। पारदर्शिता और आपसी भरोसे की भावना मजबूत होती है।
➢ भविष्य में जब छात्र किसी कॉलेज, संस्था या नौकरी में जाते हैं, तो वहाँ उन्हें कई तरह के प्रशासनिक और प्रबंधकीय कार्य करने होते हैं। ऐसे में इस प्रकार की छोटी जिम्मेदारियाँ उन्हें पहले से ही उन अनुभवों से जोड़ती हैं।
➢ छात्रों को उपस्थिति से जुड़ी ज़िम्मेदारी देने से वे वे खुद नियमित और अनुशासित रहने की कोशिश करते हैं।
पहली बार आपका ब्लॉग पढ़कर पता चला की रांची जिले के जिला शिक्षा अधीक्षक इतने अच्छे नवाचार की प्रारम्भ किये है।