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रोकड़ बही : संधारण का नियम

educationjhar
Last updated: 13/09/2024 22:38
educationjhar
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11 Min Read
रोकड़ बही (Cash Book)
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रोकड़ बही (Cash Book) संधारण करने का नियम और उद्देश्य विद्यालय के बैंक खाता से जुड़े लेन-देन या किसी प्रकार की आय-व्यय को व्यवस्थित तरीके से रखने का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। यह एक महत्वपूर्ण लेखा बही है, जिसका उपयोग विद्यालय में प्राप्त या व्यय से संबंधित राशि को दर्ज करने के लिए किया जाता है।

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Contents
रोकड़ बही संधारण करने का उद्देश्यऑडिट की प्रक्रियारोकड़ बही (Cash Book) का वाउचर्ससामग्री की मात्रासंधारण करने का नियम(1) प्राप्तियां(2) भुगतान / व्ययसावधानियां

रोकड़ बही संधारण करने का उद्देश्य

विद्यालय के आय -व्यय को पारदर्शिता और सटीकता से दर्शाने के लिए रोकड़ बही (Cash Book) में पास बुक के समस्त व्यौरा का संधारण किया जाता है। कैश बुक में बैंक खाता की सभी प्राप्तियों व निकासी की गई राशि के साथ नगद प्राप्त राशि और भुगतानों का पूरा विवरणी लिखा जाता है। कैश बुक यह सुनिश्चित करता है कि विद्यालय के बैंक खाते से प्राप्त राशि का खर्च सही ढंग से किया गया है और प्रमाणिकता हेतु उसका दस्तावेज स्कूल में सुरक्षित हैं। रोकड़ बही (Cash Book) संधारण करने का नियम और उद्देश्य से किसी प्रकार की गड़बड़ी का पता लगाना आसान हो जाता है।

कैश बुक के रिकॉर्ड से लेखा अंकेक्षक (ऑडिटर्स) को विद्यालय के वित्तीय लेन-देन की जांच करने में सहूलियत होती है। प्रत्येक वित्तीय वर्ष का 2-3 वर्ष की अंतराल या हर साल अंकेक्षक द्वारा ऑडिट की जाती है।

ऑडिट की प्रक्रिया

साधारणतया विद्यालय में दो तरह की पासबुक होती है। एक पी.एम. पोषण योजना से सम्बंधित मध्याहन भोजन योजना (MDM) और दूसरा विद्यालय प्रबंधन समिति (SMC)। दोनों प्रकार के बैंक खातों का ऑडिट कई चरणों में की जाती है। सोशल ऑडिट में बैंक खातों के अलावे विद्यालय की सम्पूर्ण संरचना व गतिविधि की भी ऑडिट प्रथम स्तर पर विद्यालय आकर की जाती है। इसके पश्चात प्रखंड लेवल और जिला स्तर पर सुनवाई होती है। इस ऑडिट में अन्यों की अपेक्षा गहराई से एक एक बिंदुओं पर जाँच पड़ताल की जाती है।

रोकड़ बही (Cash Book)

मध्याहन भोजन योजना और विद्यालय प्रबंधन समिति के खातों का ऑडिट प्रखंड और जिला स्तर पर की जाती है। मध्याहन भोजन योजना (MDM) का ऑडिट मध्याहन भोजन प्राधिकरण द्वारा महालेखाकार और चार्टर्ड एकाउंट से ऑडिट कराया जाता है। इसमें रोकड़ बही (Cash Book) को बैंक विवरणी से मिलाया जाता है। खर्च की गई राशि का वाउचर को देखा जाता है साथ ही प्रावधान के मुताबिक़ निकासी और व्यय को जांचा जाता है।

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SMC खातों की जांच महालेखाकार और चार्टर्ड एकाउंट द्वारा ऑडिट किया जाता है। यह अंकेक्षण सामान्य रूप से प्रखंड संसाधन केंद्र (BRC) में होती है। अब विद्यालय प्रबंधन समिति की विकास, मरम्मति, SMC प्रशिक्षिण, स्पोर्ट्स, स्कूल किट और कुछ अन्य मदों की राशि PFMS के माध्यम से विद्यालय को आवंटित की जाती है। विद्यालय द्वारा SMC की बैठक में ख़र्च करने की अनुमति प्राप्त करके भेण्डर के माध्यम से भुगतान की जाती है। इसलिए इसका ऑडिट सबसे सरल व आसान होती है। इसका रोकड़ बही (Cash Book) में संधारण करना बेहद आसान है।

रोकड़ बही (Cash Book) का वाउचर्स

विद्यालय का रोकड़ बही (Cash Book) को संधारण करने के पूर्व पास बुक का अपडेट रहना जरुरी है। सभी वाउचर्स (रसीद) में पेड एंड कैंसिल का मुहर लगा हुआ रहना चाहिए। इसके अलावे MDM का रसीद (राशन, सब्जी, गैस और अन्य ) में सरस्वती वाहिनी संचालन समिति के अध्यक्ष व संयोजिका का हस्ताक्षर और मुहर जरुरी है। वाउचर्स में तिथि अंकित रहनी चाहिए। ध्यान रहे कैश बुक कभी भी माइनस (-) में नहीं लिखा जाता है।

बैंक से राशि की निकासी के पश्चात् जब भुगतान की गई हो उसी तिथि को भाउचर्स में दर्शाएं। दर्शाने के लिए हस्ताक्षर के नीचे तिथि लिखें। MDM खाते की राशि को विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा स्वयं निकासी कदापि नहीं करना चाहिए। सरस्वती वाहिनी संचालन समिति के अध्यक्ष या संयोजिका के नाम से चेक निर्गत करना चहिए। चेक की संख्या और तिथि को निर्गत पंजी में दस्तावेज के रूप में सहेज कर रखा जाना चाहिए। ऑडिटर्स द्वारा मांगे जाने पर उससे दिखाएँ।


यह भी पढ़ें : शिक्षक प्रोन्नति नियमावली 2024 – शर्तें, योग्यता, वेतन,  अहर्ता, वरीयता प्रारूप और कालावधि।

सामग्री की मात्रा

वाउचर्स नियम के तहत रहनी चाहिए एवं मध्याहन भोजन का वाउचर्स मात्रा के अनुकूल रहनी चाहिए। मात्रा निम्न रूप से है :-

सामग्रीमात्रा (कक्षा KG से 5)मात्रा (कक्षा 6 से 8)
दाल20 ग्राम30 ग्राम
तेल5 ग्राम7.5 ग्राम
सब्जी50 ग्राम75 ग्राम
मशाला और नमकस्वादनुसारस्वादनुसार

संधारण करने का नियम

रोकड़ बही (Cash Book) में एक साथ दो पेज होती है-

  • (1) प्राप्ति
  • (2) व्यय

इसके दोनों पेज पर एक जैसे कॉलम होते है। बायीं ओर के पृष्ट में प्राप्तियाँ और दायीं ओर की पेज में खर्च की व्यौरा लिखने होते है। रोकड़ बही को कई विधि से लिख सकते है। आपको जिसमे सुविधा और सरल लगे उस तरीके से लिख सकते है। लिखने के तरीके पर ऑडिटर्स को आपत्ति नहीं होती है।

(1) प्राप्तियां


रोकड़ बही (Cash Book) में सर्वप्रथम बायीं ओर पूर्व माह के प्रारम्भिक अवशेष लिखी जाती है। तिथि में उस माह के पहली तारीख को दर्ज करना होता है क्योकि पूर्व माह का अवशेष इस माह के पहली तारीख को विद्यालय के खाते में या नगद मौजूद होती है।

यहां यह बताना आवश्यक है की रोकड़ बही (Cash Book) में बायीं ओर की प्राप्तियां पेज पर सम्बंधित खाता की बैंक स्टेटमेंट से तिथिवार हूबहू मिलनी चाहिए। निकासी होने पर उस तिथि में की गई निकासी राशि और उस मद का लेखा अवश्य दर्ज होनी चाहिए साथ ही निकासी राशि के बगल या नीचे में अध्यक्ष या संयोजिका का हस्ताक्षर व मुहर लगी रहनी चाहिए। इसे ऑडिटर्स को समझने में सहूलियत होती है कि राशि किस मद में निकासी की गई है।

इसी प्रकार राशि प्राप्त होने पर प्राप्ति तिथि, मद और राशि का जिक्र होना आवश्यक है।

रोकड़ बही (Cash Book) में प्रत्येक माह इसी भांति लिखी जाएगी। अवशेष राशि दो प्रकार की हो सकती है। एक बैंक बैलेंस और दूसरा नगद। दायीं ओर के पेज की अंतिम कुल योग में भी दो प्रकार के अवशेष लिखें। एक बैंक बैलेंस और नगद। खर्च के उपरान्त नगद नहीं बचने पर उससे शून्य दिखाएँ लेकिन अवश्य दर्शाएं।

(2) भुगतान / व्यय

दायीं ओर की पेज में सिर्फ व्यय की विवरणी लिखने होते हैं। व्यय में नगद खर्च , चेक से भुगतान के अलावे बैंक द्वारा खाते से की गई कटौती भी व्यय में दर्शायें। पीएम पोषण योजना द्वारा संचालित मध्यान्ह भोजन योजना की राशि अधिकतर माह बीत जाने के बाद मिलती है। बहुत बार कई माह के बाद राशि प्राप्त होती है।

यहीं पर रोकड़ बही (Cash Book) लिखने में कई विद्यालयों में भूल-चूक हो जाती है। ध्यान रहे, राशि की प्राप्ति कभी भी हो, विद्यालय द्वारा पिछला भुगतान किस माह तक हुई है, उसको देखते हुए उससे आगे की तिथि या माह से लिखें। राशि यदि सिर्फ अंडा/फल मद में प्राप्त हुई हो और कुकिंग कॉस्ट माइनस में हो ऐसे में रोकड़ बही (Cash Book) पर केवल सम्बंधित मद पर ही व्यय को दर्ज करें। कूकिंग कॉस्ट, अंडा/ फल, मड़ुआ , हत्थालन और एसएमएस या अन्य कंटेजेन्सी कार्य हेतु जिस मद पर राशि प्राप्त हुआ हो उसी मद में नियम के तहत व्यय करें।

ध्यान रहें वित्तीय अनियमितता किसी भी परिस्थिति में नहीं हो।

पूर्व में उल्लेख कर चुके है की रोकड़ बही (Cash Book) को कई विधि से लिख सकते है। प्रत्येक माह में आय व्यय हुई हो तो माहवार लिखें। किसी माह में आय-व्यय नहीं होने पर उस माह में सिर्फ एक सर्टिफिकेट दे सकते है कि इस माह के 1 से 30 तारीख तक किसी प्रकार की वित्तीय लेन-देन नहीं हुई है। अंत में हस्ताक्षर करके मुहर लगा दीजिये। यहां यह जानकारी देना आवश्यक होगा की नगद राशि अवशेष होने पर उससे अगले माह अवश्य खर्च करें।

सावधानियां

सरकारी कर्मियों के लिए वित्तीय अनियमितता में दंड का प्रावधान है इसलिए जाने अनजाने में भी इससे बचना चाहिए। कुछ सावधानी अपनाकर इससे बचा जा सकता है; जैसे:-

  • विद्यालय के प्रधानाध्यापक या प्रधान शिक्षक द्वारा स्वयं राशि की निकासी नहीं करें।
  • निकासी की गई राशि उस माह में व्यय होने के उपरान्त नगद अवशेष नहीं बचे इसका ध्यान रखा जाए। इसलिए उस माह तक एक अनुमानित जितनी राशि खर्च हो सके उतनी ही राशि की निकासी की जाए।
  • हमेशा चेक (cheque) के माध्यम से राशि की निकासी की जाए।
  • रोकड़ बही (Cash Book) में मदवार प्राप्तियां और मदवार व्यय विवरणी दर्ज की जाए।
  • प्रत्येक वाउचर पर PAID & CANCIL का मुहर होनी चाहिए।
  • प्रत्येक वाउचर्स पर सरस्वती वाहिनी संचालन समिति के अध्यक्ष और संयोजिका का हस्ताक्षर होनी चाहिए।
  • प्रत्येक निकासी में रोकड़ बही (Cash Book) पर अध्यक्ष और संयोजिका का हस्ताक्षर होनी चाहिए।

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