स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा राज्य के सरकारी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के स्थानान्तरण नीति (Teacher Transfer Policy) में संशोधन किया गया है।
शिक्षा विभाग, झारखण्ड सरकार द्वारा पूर्व की संकल्प / अधिसूचना की कतिपय कंडिकाओं में संशोधन की आवश्यकता को दृष्टिपथ रखते हुए संशोधन किये गए है।
स्थानांतरण संबंधी नियमावली में क्या-क्या संशोधन किए गए हैं ?
शिक्षकों के लिए एक स्पष्ट और निर्धारित प्रक्रिया होने से स्थानांतरण से संबंधित विवाद कम होते है। इसमें सेवा अवधि, पारिवारिक स्थितियाँ, स्वास्थ्य, दिव्यांगता आदि के आधार पर प्राथमिकताएँ दी जाती हैं, जिससे शिक्षकों को न्याय मिलता है। शिक्षकों को सरकारी नीति के अनुरूप स्थानांतरण करना आवश्यक होता है, जो केवल एक नियमावली के माध्यम से ही संभव हो पाता है इसके लिए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा स्थानांतरण नियमावली में निम्नलिखित संशोधन किया गया है :-
- अति विशेष परिस्थिति में असाध्य रोग की श्रेणी में स्वयं शिक्षक या शिक्षिका के अतिरिक्त उनके पति या पत्नी एवं उनके संतान, 50 वर्ष से अधिक आयु वाली महिला शिक्षिका, विधवा महिला शिक्षिका, तलाकशुदा महिला शिक्षिका, परित्यक्ता शिक्षिका एकल अभिभावक (Single Parent) शिक्षक एवं शिक्षिका, जिनके संतान की आयु 18 वर्ष से कम हो एवं न्यूनतम 40 प्रतिशत दिव्यांग शिक्षक या शिक्षिका का स्थानांतरण किया जा सकता है।
- स्थानान्तरण हेतु प्राप्त आवेदनों पर न्यूनतम 40 प्रतिशत दिव्यांग, अत्यन्त गंभीर अथवा दुर्लभ असाध्य रोगों, असाध्य रोग के शिक्षकों को छोड़कर, यदि जिले का P. T. R प्रभावित नहीं होगी, ऐसी स्थिति में अंतरजिला स्थानान्तरण हेतु विचार किया जा सकता है ।
- अंतर जिला स्थानान्तरण हेतु प्राप्त आवेदन पर निम्नानुसार को प्राथमिकता देते हुए उनके प्राप्त अंकों के आधार पर स्थानान्तरण नियमावली में संशोधन किया गया है :-
- (i) अत्यन्त गंभीर अथवा दुर्लभ असाध्य रोग वाले शिक्षकों को अंतरजिला स्थानांतरण में सबसे पहले मौका जायेगा।
- (ii) दूसरी प्राथमिक में शेष सूचीबद्ध असाध्य रोग वाले शिक्षकों को
- (iii) तृतीय प्राथमिकता में न्यूनतम 40 प्रतिशत दिव्यांग वाले शिक्षकों को।
- (iv) चतुर्थ प्राथमिकता में पति-पत्नी, जो राज्य सरकार अथवा केन्द्र सरकार एवं उसके उपक्रम के अधीन सरकारी सेवक हो उनका स्थानांतरण किया जायेगा।
- (v) पांचवीं प्राथमिकता में 50 वर्ष से अधिक आयु वाली महिला शिक्षिका, विधवा महिला शिक्षिका, तलाकशुदा महिला शिक्षिका, परित्यक्ता शिक्षिका का अंतरजिला स्थानांतरण होगा।
- (vi) क्रमबद्ध छठाँ प्राथमिकता में एकल अभिभावक (Single Parent) शिक्षिक/शिक्षिका जिनके संतान की आयु 18 वर्ष से कम हो उनका स्थानांतरण हो सकता है।
- पारस्परिक स्थानांतरण के लिए दोनों शिक्षकों का वेतनमान समान होना चाहिए। उनकी नियुक्ति का विषय एवं नियुक्ति का प्रकार भी एक समान होना आवश्यक है। साथ ही, आरक्षण कोटि तथा संवर्ग भी समान होने चाहिए। इन सभी शर्तों को पूर्ण करने वाले शिक्षकों के प्राप्त आवेदनों पर स्थानांतरण का प्रस्ताव संबंधित निदेशक की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा विचाराधीन कर निर्णय लिया जाएगा।
- पूरे सेवाकाल में सभी संवर्ग के शिक्षकों को पारस्परिक स्थानान्तरण अंतर्गत अंतर जिला स्थानान्तरण का दावा एक बार मान्य होगा। शिक्षक स्थानांतरण हेतु इसका अधिकारपूर्वक दावा नहीं कर सकता है। साथ ही जिस जिले में शिक्षक पदस्थापित है, उसी जिले में स्थानान्तरण अंतर्गत पारस्परिक स्थानान्तरण का दावा भी मान्य नही होगा।
- सभी संवर्ग के शिक्षकों के अतिविशेष परिस्थिति में उनकी आवेदन की गंभीरता को देखते हुए अथवा प्रशासनिक कारणों से यदि स्थानान्तरण आवश्यक है तो संकल्प में वर्णित समिति समुचित तात्कालिक निर्णय लेने हेतु स्वयं सक्षम होंगे। लेकिन ऐसा स्थानांतरण मात्र अपवाद स्वरूप आवश्यक मामलों में ही होगी ।
- जिला के अंदर शिक्षकों का स्थानान्तरण के मामले भी स्थानान्तरण एवं पदस्थापन ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जायेगा। सॉफ्टवेयर निर्माण अवधि में विभाग को सूचित करते हुए पूर्व की भांति मैन्युअल प्रक्रिया से भी स्थानान्तरण नियमावली में वर्णित प्रक्रिया के अधीन शिक्षकों का स्थानांतरण किया जा सकता है।
- इस नई स्थानांतरण नियमावली में यह नियम बनाया गया है की सॉफ्टवेयर आवेदन के माध्यम से होने वाले स्थानान्तरण में एक प्रतिशत आवेदन की जांच मैन्युअली रूप से की जायेगी।
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