स्कूलों की पढ़ाई में अब सिर्फ रट्टा नहीं, असली जीवन के लिए जरूरी समझ और हुनर भी सिखाया जायेगा, ताकि सरकारी स्कूलों की प्रारंभिक शिक्षा 21वीं सदी की जरूरतों के अनुरूप अधिक समावेशी, लचीली और गुणवत्तापूर्ण बन सके। छोटे बच्चों के लिए पढ़ाई अगर केवल किताबों और बोलचाल पर आधारित हो, तो वह उबाऊ हो सकती है। जब बच्चे खुद चीज़ों को छूते, बनाते या खेलते हैं, तो वे ज्यादा गहराई से सीखते हैं। इससे बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है और वे सवाल पूछने और सोचने लगते हैं। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु अपने दूरदर्शी नेतृत्व और संकल्प शक्ति से शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और गुणवत्तापूर्ण बदलाव लाने वाले, नए विचारों, नवीन पद्धतियों और आधुनिक शैक्षणिक प्रयोगों के प्रेरणास्रोत बादल राज, जिला शिक्षा अधीक्षक रांची द्वारा वर्गवार, विषयवार अधिगत स्तर के अनुरूप गतिविधियों और टी.एल.एम के उपयोग से संबंधित संपूर्ण पाठयक्रम बनाया गया है।
गतिविधि आधारित शिक्षण पद्धति के माध्यम से बच्चों की जिज्ञासा, रचनात्मकता और सीखने की इच्छा को बढ़ावा मिले इसके लिए जिला स्तरीय बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मकता अन्वेषण सह समन्वयन समिति का गठन किया गया है।
समिति का कार्य शिक्षण सामग्री (टीएलएम ) का निर्माण करना, नवाचार की बढ़ावा देना, गतिविधि आधारित शिक्षण योजनाएं बनाना, सामग्री को संशोधित करना, स्थानीय भाषा और संसाधनों का उपयोग, विज़ुअल और ऑडियो टीएलएम बनाना, नवाचारों का दस्तावेजीकरण करना, शिक्षकों को प्रशिक्षण देना, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए सामग्री बनाना, कम लागत की सामग्री बनाना, सीखने के स्तर का मूल्यांकन, NEP 2020 के अनुरूप कार्य करना, टीएलएम प्रदर्शनियों और मेलों का आयोजन करना आदि है। इसे रांची जिले का शिक्षा प्रदर्शन (Education Index) राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर बनेगा।
“ राँची जिला में यह एक ऐसा कार्यक्रम है जिसके माध्यम से कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों में मूलभूत साक्षरता एवं संख्या ज्ञान निमित्त NEP 2020 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए गतिविधि आधारित शिक्षण पर जोर दिया गया है “– बादल राज, जिला शिक्षा अधीक्षक, रांची
NEP 2020 का उद्देश्य
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) और फाउंडेशनल लिटरेसी एवं न्यूमेरसी का मुख्य उद्देश्य बच्चों को मजबूत बुनियादी शिक्षा देना है, ताकि वे आगे की पढ़ाई और जीवन में सफल हो सके। यह प्रक्रिया गतिविधि आधारित शिक्षण के जरिए अधिक प्रभावी बनती है I FLN और NEP 2020 प्रारंभिक शिक्षा की नींव को मजबूती प्रदान करती है।
TLM का महत्व क्या है ?
NEP 2020 के विजन को नीतियों से हकीकत तक पहुँचाने में अद्भुत योगदान देने वाले और सभी बच्चों को समान अवसर व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध पदाधिकारी (DSE), बादल राज द्वारा टीएलएम के उपयोग से सम्बंधित पाठ्यक्रम पर जोर दिया गया है, कारण की हर बच्चा एक जैसा नहीं सीखता है, कुछ बच्चे देखकर, कुछ सुनकर, और कुछ करके सीखते हैं। टीएलएम सभी तरह के बच्चों की अलग-अलग ज़रूरतों को पूरा करता है। टीएलएम द्वारा सिखाई हुई चीजें बच्चों के दिमाग में ज्यादा समय तक टिकती है क्योंकि वे उसे अनुभव करते हैं। जब बच्चे गतिविधियों में व्यस्त होते हैं तो कक्षा में अनुशासन स्वतः बना रहता है और वातावरण सकारात्मक होता है, इसके अलावे टीएलएम का उपयोग करते समय शिक्षक खुद भी नये-नये तरीके खोजते हैं, जिससे उनकी रचनात्मकता निखरती है।
सारांश
NEP 2020 (National Education Policy) का मुख्य लक्ष्य है कि सभी बच्चे कक्षा 1 से 5 तक बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता प्राप्त करें। रांची जिला की समिति इस लक्ष्य को मापक,नियंत्रक और मार्गदर्शक की तरह काम करके पूरा कराएगी। जिला शिक्षा अधीक्षक रांची जो स्वंय इस समिति के अध्यक्ष है उसके निगरानी में समिति यह सुनिश्चित करेगी कि NEP 2020 के तहत जो लक्ष्य है ( पढ़ना, लिखना और गणना करना), वे समय पर और प्रभावी ढंग से पूरे हो। अगर किसी स्कूल में कोई समस्या आ रही है (जैसे शिक्षक की कमी, बच्चों की कमजोरी), तो समिति उसे पहचानकर तुरंत समाधान निकालेगी। इसका सीधा फायदा ये होगा की बच्चे कम उम्र में ही पढ़ने-लिखने और गिनती करने में दक्ष हो जाएंगे। इसे अप्रत्याशित रूप से शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी। समाज में साक्षरता और जागरूकता का स्तर ऊँचा होगा।
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बदलाव लाना आसान नहीं तो कठिन भी नहीं है। पदाधिकारी की दृढ़ इच्छाशक्ति और सहयोगियों का साथ और विश्वास हो तो कार्य आसान हो जाती है।
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