राज्य सरकार का कोई भी सरकारी सेवक सेवा संहिता की शर्तों के अधीन, निर्धारित आयु या अवधि से पूर्व स्वेच्छा से सेवानिवृत्त हो सकता है। इसके लिए सेवारत कर्मियों को अपनी इच्छा से निवृत्त होने का अवसर देने हेतु ” स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (Voluntary Retirement Scheme)” बनाई गई है।
शिक्षक इस योजना का लाभ कैसे ले सकते हैं, इसके लिए न्यूनतम अर्हक सेवा कितनी होनी चाहिए और किन-किन शर्तों को पूरा करना आवश्यक है, साथ ही इस योजना से सरकारी शिक्षकों को क्या-क्या लाभ मिल सकते हैं। आइए इसे सरल और आसान भाषा में विस्तार से समझते हैं। यदि आप शिक्षक हैं या कोई भी सरकारी सेवक हैं, तो इसे शुरू से अंत तक अवश्य पढ़ें।
राजकीयकृत विद्यालयों के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु क्या है ?
झारखंड सेवा संहिता के नियम 73 के अनुसार किसी भी सरकारी शिक्षक की अनिवार्य सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष है। राज्य सरकार के पत्रांक पी.सी. 2-11-1-76-2226/वित्त, दिनांक 19 फरवरी 1976 के आदेश के मुताबिक सभी सरकारी शिक्षक या सेवक उस माह के अंतिम दिन अपराह्न (शाम) में सेवानिवृत्त होंगे, जिस माह में उनकी 60 वर्ष की आयु पूरी होती है। यदि किसी शिक्षक की जन्मतिथि किसी माह की पहली तारीख को है, तो वे उससे पहले वाले माह के अंतिम दिन अपराह्न में सेवानिवृत्त होंगे। वहीं, यदि जन्मतिथि माह की किसी अन्य तारीख को है, तो वे उसी माह के अंतिम दिन अपराह्न में सेवानिवृत्त माने जाएंगे।

शिक्षकों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (Voluntary Retirement Scheme) नियम
झारखंड में राजकीयकृत विद्यालय के सरकारी शिक्षक अगर चाहें तो 20 साल नौकरी पूरी करने के बाद खुद अपनी इच्छा से रिटायर हो सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपने अधिकारी को तीन महीने पहले लिखकर बताना होगा। यह योजना पूरी तरह से अपनी मर्ज़ी से है। इसमें सरकार किसी शिक्षक को जबरदस्ती रिटायर नहीं कर सकती।
शिक्षकों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (Voluntary Retirement Scheme) का नियम इस प्रकार से है :-
- ➡️ अगर कोई सरकारी शिक्षक / कर्मचारी 20 साल की नौकरी पूरी कर लेता है तो वह स्वेच्छा से रिटायर हो सकता है।
- ➡️ रिटायर होने पर उसे 5 साल की नौकरी का अतिरिक्त फायदा मिलेगा।
- ➡️ उसे पेंशन और रिटायरमेंट का पैसा मिलेगा।
- ➡️ यह योजना पूरी तरह अपनी मर्ज़ी से है, सरकार किसी को जबरदस्ती रिटायर नहीं कर सकती।
- ➡️ रिटायर होने से पहले शिक्षक को अपने अधिकारी से यह सुनिश्चित करना होगा कि उसकी नौकरी की गिनती 20 साल पूरी हो चुकी है।
- ➡️ इस योजना से रिटायर होने वाले शिक्षक/कर्मचारी को पेंशन मिलना तय है।
रिटायर होने से पहले शिक्षक/कर्मचारी को अपने अधिकारी से यह पक्का करना होगा कि उसकी नौकरी की गिनती कम से कम 20 साल पूरी हो चुकी है। अगर शिक्षक/कर्मचारी चाहें तो अपनी दी हुई रिटायरमेंट की सूचना वापस भी ले सकते हैं, बशर्ते कि वह सूचना की आख़िरी तारीख से पहले अनुरोध करें। रिटायर होने पर कर्मचारी को वास्तविक नौकरी के साल के साथ 5 साल का बोनस दिया जाएगा।
स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति नियम (VRS) के तहत 5 साल के इस अतिरिक्त बोनस के क्या नियम है ?
- ➡️ 5 वर्षों की सेवा का अधिक लाभ देने के पश्चात् अर्हक सेवा का योग किसी भी दशा में 30 (तीस) वर्षों की अर्हक सेवा से अधिक नहीं होगा, तथा
- ➡️ यह बोनस सिर्फ उन लोगों को मिलेगा जो न्यूनतम सेवा और आयु पूरी कर चुके हैं, जैसा कि पेंशन नियमों में लिखा है।
- ➡️ झारखंड सेवा संहिता के नियमों के अनुसार, अगर कोई सरकारी कर्मचारी खुद की इच्छा से रिटायर होना चाहे और उसकी उम्र 48 साल हो चुकी हो और 25 साल सेवा पूरी हो चुकी हो, तो उसे रिटायर होने पर पेंशन में अतिरिक्त 5 साल का फायदा (वेटेज) भी मिलेगा।
सारांश
झारखण्ड सेवा संहिता के अनुसार सरकारी शिक्षक/कर्मचारी 20 साल नौकरी पूरी करने के बाद अपनी इच्छा से रिटायर हो सकते हैं। रिटायरमेंट के समय उन्हें वास्तविक सेवा साथ में अतिरिक्त 5 साल का बोनस मिलेगा। यह योजना पूरी तरह खुद की स्वेच्छा से है, विभाग शिक्षक / कर्मचारी को मजबूर नहीं कर सकती है ।
सेवानिवृत्त होने से पहले राजकीयकृत विद्यालय में कार्यरत शिक्षक को अपने नियुक्ति पदाधिकारी से पक्का करना होगा कि उसकी सेवा 20 साल पूरी हो चुकी है। रिटायरमेंट की सूचना तीन महीने पहले पदाधिकारी /अधिकारी को देनी होती है। अगर शिक्षक / कर्मचारी चाहें तो सूचना वापस भी ले सकते हैं, लेकिन आखिरी तारीख से पहले। 48 वर्ष की उम्र और 25 साल सेवा पूरी होने पर भी शिक्षक या कर्मचारी को अतिरिक्त 5 साल का वेटेज मिलेगा, लेकिन कुल सेवा 30 साल से अधिक नहीं होगी।
