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RTE 2009 के तहत सरकारी विद्यालयों और शिक्षकों की 10 महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां और कर्तव्य को जानें

educationjhar
Last updated: 02/10/2025 20:58
educationjhar
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9 Min Read
RTE 2009 के तहत सरकारी विद्यालयों और शिक्षकों की 10 महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां
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देश में बच्चों की शिक्षा को मूल अधिकार का दर्जा मिला हुआ है। संविधान के अनुच्छेद 21A के तहत 6 से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है। इसी उद्देश्य से वर्ष 2009 में अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून (RTE 2009) लागू किया गया। इस कानून ने न केवल बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिया बल्कि स्कूलों और शिक्षकों पर भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां तय की है।

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Contents
RTE Act 2009 क्या है?RTE Act 2009 के तहत विद्यालयों की जिम्मेदारियांशिक्षकों की 10 महत्वपूर्ण जिम्मेदारियांFAQ: अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (RTE Act 2009) और शिक्षकों-विद्यालयों की जिम्मेदारियांQ1. RTE Act 2009 क्या है?Q2. RTE Act 2009 किस उम्र के बच्चों पर लागू होता है?Q3. विद्यालयों की RTE Act 2009 के तहत क्या जिम्मेदारियां हैं?Q4. शिक्षकों की RTE Act 2009 के तहत क्या जिम्मेदारियां हैं?Q5. यदि कोई विद्यालय या शिक्षक RTE Act का पालन नहीं करता तो क्या होता है?Q6. क्या निजी विद्यालयों पर भी RTE Act लागू होता है?Q7. अभिभावकों की क्या जिम्मेदारी है?

सरकार का दायित्व है की प्रत्येक बालक को निःशुल्क और अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध कराए।

RTE Act 2009 क्या है?

RTE Act 2009 का पूरा नाम ” निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009″ है। यह भारतीय संसद द्वारा पारित एक ऐतिहासिक अधिनियम है जो भारत में शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाता है। भारत में शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाने का प्रयास स्वतंत्रता संग्राम से ही चलता आ रहा था। लेकिन इसे कानूनी रूप से लागू करने में कई वर्ष लगे। अंततः यह अधिनियम 1 अप्रैल, 2010 से पूरे देश में लागू हुआ।

RTE Act 2009 की मुख्य बातें-

  • ► 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा।
  • ►निजी स्कूलों में 25% सीटें गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित।
  • ► शिक्षा का न्यूनतम स्तर सुनिश्चित करने के लिए मानक तय।
  • ► बच्चों को शारीरिक दंड और भेदभाव से सुरक्षा।
  • ► विद्यालयों और शिक्षकों की भूमिकाओं और दायित्वों की स्पष्ट व्याख्या।

RTE Act 2009 के तहत विद्यालयों की जिम्मेदारियां

  • ✦ 6 से 14 आयु वर्ष के बच्चों का निःशुल्क और अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा।
  • ✦ आयु (जन्म प्रमाण पत्र ) का सबूत नहीं देने पर नामांकन लेने से मना नहीं कर सकते है।
  • ✦ निजी विद्यालयों में उसके आसपास के 25 प्रतिशत गरीब बच्चों को पहली कक्षा में निःशुल्क प्रवेश हेतु सीट आरक्षित होगी।
  • ✦ विद्यालय में प्रवेश प्राप्त बच्चों को प्राथमिक शिक्षा पूरा होने तक किसी भी कक्षा में रोका नहीं जायेगा।
  • ✦ बच्चों को शारीरिक दंड नहीं दिया जायेगा और न ही उसका मानसिक उत्पीड़न किया जायेगा।
  • ✦ मान्यता प्रमाण पत्र प्राप्त किये बिना कोई भी निजी स्कूल नहीं चला सकता है। उलंघन करने पर एक लाख तक जुर्माना तथा उलंघन जारी रहने की दशा में प्रत्येक दिन का दस हजार रुपए अतिरिक्त जुर्माना का प्रावधान है।
  • ✦ विद्यालय में प्रबंधन समिति का गठन होगा जिसके सदस्य बच्चों के माता पिता होंगे।
  • ✦ शिक्षक अभिभावक बैठक (पीटीएम) करना तथा बच्चों की शिक्षण प्रगति और अन्य सुसंगत जानकारी से अवगत करना।
  • ✦ शिक्षकों को जनगणना, आपदा राहत कार्य और निर्वाचन कार्य से भिन्न कोई भी गैर शैक्षणिक प्रयोजनों के लिए अभिनियोजित नहीं किया जायेगा।
  • ✦ विद्यालय में कार्यरत कोई शिक्षक या शिक्षिका प्राइवेट ट्यूशन या प्राइवेट शिक्षण क्रियाक्लाप कार्य नहीं कर सकते है।

यह भी पढ़ें : सरकारी स्कूलों में तिथि भोजन योजना क्या है ?

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यह भी पढ़ें : शिक्षकों की विशेष टेट (TET) परीक्षा , जानें सवालों का पैटर्न और सिलेबस क्या होंगे?

शिक्षकों की 10 महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां

विद्यालयों में शिक्षक केवल शिक्षा देने वाले नहीं, बल्कि बच्चों के मार्गदर्शक, प्रेरक और समाज सुधारक की भूमिका निभाते है। शिक्षक समाज के निर्माणकर्ता होते हैं और विद्यालयों की गुणवत्ता सीधे तौर पर अध्यापकों की कार्य करने की शैली पर निर्भर करती है। सरकारी स्कूलों के प्रति शिक्षकों की जिम्मेदारियां केवल पढ़ाने का कार्य नहीं होतीं, अपितु छात्रों के समग्र विकास और विद्यालय के उन्नयन से भी जुड़ी होती है। शिक्षक बच्चों के रोल मॉडल होते है उनके गतिविधि का अनुसरण करते है।

अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE 2009) के तहत स्कूलों और शिक्षकों की कुछ प्रमुख जिम्मेदारियां इस प्रकार है –

  • ✦ शिक्षा का माध्यम, जहाँ तक साध्य हो बच्चों की मातृभाषा में हो।
  • ✦ बच्चों को भय, मानसिक अभिघात और चिंतामुक्त बनाना और बच्चों को स्वतंत्र रूप से मत व्यक्त करने में सहायता करना।
  • ✦ बच्चों का प्रारंभिक शिक्षा पूरा होने तक उसे कक्षा में अनुतीर्ण नहीं करना।
  • ✦ शिक्षक अभिभावक बैठक आयोजित (पीटीएम ) करना।
  • ✦ स्कूल और कक्षा में नियमित रूप से उपस्थित रहना और रूटीन के अनुसार शिक्षण कार्य करना।
  • ✦ RTE Act 2009 के तहत शिक्षकों के लिए निजी ट्यूशन कार्य पूर्णतया प्रतिबन्ध है।
  • ✦ शिक्षक द्वारा बच्चों को दण्ड नहीं दिया जा सकता है।
  • ✦शिक्षक बाल अनुकूल और बाल केंद्रित शैक्षणिक कार्य करेंगे।
  • ✦ RTE Act 2009 के अनुसार शिक्षकों की जिम्मेदारी है की प्रत्येक बच्चों को , जिसने प्राथमिक शिक्षा पूर्ण कर ली है उन्हें एक प्रमाण पत्र दी जाए।
  • ✦ बच्चों को विद्यालय छोड़कर, प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के लिए किसी अन्य विद्यालय में जाना पड़े तो प्रधानाध्यापक द्वारा स्थानांतरण प्रमाण पत्र (टीसी) जारी किया जायेगा। स्थानांतरण प्रमाण पत्र के अभाव में कोई विद्यालय नामांकन से वंचित नहीं कर सकते है।
  • ✦ विनिर्दिष्ट समय सीमा के भीतर कक्षा के संपूर्ण पाठ्यक्रम को निर्धारित तरीके से पूरा करना।

शिक्षकों को दी गई आरटीई की ये जिम्मेदारियां यह सुनिश्चित करने के लिए हैं कि 6 से 14 वर्ष की आयु के प्रत्येक बच्चे को एक ऐसे वातावरण में मुफ्त, अनिवार्य और गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा मिले जो भय और चिंता से मुक्त हो, और उनके समग्र विकास को बढ़ावा दे सके ।

FAQ: अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (RTE Act 2009) और शिक्षकों-विद्यालयों की जिम्मेदारियां

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (FAQs) का उत्तर नीचे दिया गया है। कृपया इसे पढ़कर जानकारी प्राप्त करें।

Q1. RTE Act 2009 क्या है?

RTE (Right to Education) Act 2009 एक कानून है जिसके तहत 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार दिया गया है।

Q2. RTE Act 2009 किस उम्र के बच्चों पर लागू होता है?

यह कानून 6 वर्ष से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों पर लागू होता है।

Q3. विद्यालयों की RTE Act 2009 के तहत क्या जिम्मेदारियां हैं?

विद्यालयों को बच्चों को मुफ्त प्रवेश देना, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना, आधारभूत सुविधाएं सुनिश्चित करना और 25% सीटें वंचित वर्ग के लिए आरक्षित करनी होती हैं।

Q4. शिक्षकों की RTE Act 2009 के तहत क्या जिम्मेदारियां हैं?

शिक्षकों को बच्चों को भेदभाव रहित शिक्षा देना, गुणवत्तापूर्ण शिक्षण करना, नियमित उपस्थित रहना और बच्चों को शारीरिक या मानसिक उत्पीड़न से बचाना अनिवार्य है।

Q5. यदि कोई विद्यालय या शिक्षक RTE Act का पालन नहीं करता तो क्या होता है?

इस स्थिति में अभिभावक या बच्चा शिक्षा विभाग में शिकायत दर्ज कर सकता है। संबंधित अधिकारी जांच कर आवश्यक कार्रवाई करते हैं।

Q6. क्या निजी विद्यालयों पर भी RTE Act लागू होता है?

हाँ, निजी विद्यालयों को अपनी 25% सीटें आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित करनी होती हैं।

Q7. अभिभावकों की क्या जिम्मेदारी है?

अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजें और उनकी शिक्षा में सहयोग करें।

सूचना :-
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