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Income Tax New Rule : का नया नियम में सैलरी पर इतना आयकर लगना तय , जानिए आपको कितने भरने होंगे।

educationjhar
Last updated: 04/02/2025 22:03
educationjhar
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5 Min Read
Income Tax का नया नियम
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इनकम टैक्स विभाग ने स्लैब में बदलाव किया गया है। Income Tax का नया नियम (New rule of Income Tax) के तहत करदाता को अब 3 लाख रुपए से 7 लाख रुपए तक की आय पर 5 फीसदी का टैक्स लगेगा। वहीं 7 से 10 लाख रुपए की आय पर 10 फीसदी का टैक्स लगेगा एवं 10 लाख से 12 लाख रुपए की इनकम पर 15 फीसदी का टैक्स लग जाएगा।

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Contents
Income Tax का नया स्लैब क्या है ?Income Tax का नया नियम के तहत आयकर की गणनासारांश

यह भी पढ़ें ➧ आभा हेल्थ कार्ड : झारखण्ड सरकार के सभी कर्मचारियों के लिए बनाना अनिवार्य, जानें लाभ और बनाने का नियम क्या है?

यह भी पढ़ें ➧ झारखण्ड राज्य स्वास्थ्य बीमा योजना : सरकारी कर्मियों के लिए नियम और शर्तें क्या है?

Income Tax का नया स्लैब क्या है ?

आयकर (Income Tax) का भुगतान आय की राशि के अनुसार अलग-अलग श्रेणियों (स्लैब) में किया जाता है। यह श्रेणी ही स्लैब कहलाता है। Income Tax का नया नियम (New rule of Income Tax) में श्रेणी पर बदलाव की गई है। प्रत्येक स्लैब में अलग-अलग दरों पर टैक्स लगता है। कम आय वालों पर कम टैक्स और ज्यादा आय वालों पर ज्यादा टैक्स लगता है। आयकर स्लैब प्रणाली यह सुनिश्चित करता है कि कर का बोझ करदाता के आय के मुताबिक़ ही हो।

Income Tax के नए स्लैब में स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को बढ़ाई गई है। पहले स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट 50,000 रुपये थी। नया नियम में बढ़ाकर इसे 75,000 रूपया कर दिया गया। शिक्षकों को इस बढ़ोत्तरी से आंशिक राहत मिलेगी। राहत इस लिहाज से मिलेगी की 80C से मिलने वाली भविष्य निधि और ग्रुप बीमा में अंशदान, पीपीएफ , राष्टीय बचत पत्र क्रय, पुत्र/पुत्री की शिक्षा शुल्क आदि की कटौती में मिलने वाली लाभ (अधिकतम 1,50,000 रुपये) को ख़त्म किया जा चुका है। पारिवारिक पेंशन पर वार्षिक छूट 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया गया। नये टैक्स स्लैब में स्टैंडर्ड डिडक्शन में हुई बढ़ोतरी से वेतन पाने वाले और पेंशन वाले दोनों अधिक टैक्स की बचत कर सकते हैं।

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Income Tax का नया नियम (New rule of Income Tax) के तहत टैक्स स्लैब में कई बदलाव किए गए हैं। यह बदलाव वित्तीय वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) से लागू होंगे। 2024-25 वित्तीय वर्ष का अर्थ हुआ की मार्च 2024 से फरवरी 2025 तक में मिलने वाली सैलरी या एरियर से प्राप्त आय या अन्य आय जो इनकम टैक्स के दायरे में हो। स्लैब निम्न प्रकार से है :-

टैक्स स्लैबआयकर
3 लाख रुपये तक0%
3 से 7 लाख रुपये तक5%
7 से 10 लाख रुपये तक10%
10 से 12 लाख रुपये तक15%
12 से 15 लाख रुपये तक20%
15 लाख रुपये से अधिक तक30%
Income Tax का नया नियम

Income Tax का नया नियम के तहत आयकर की गणना

शिक्षक हो या अन्य कर्मचारी सभी को आयकर देनी ही है। आयकर स्रोत में वेतन, महंगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता, चिकित्सा भत्ता, परिवहन भत्ता, परिवहन भत्ता पर महंगाई भत्ता, एरियर, बोनस इत्यादि का कुल प्राप्त होता है। मासिक सैलरी के मुताबिक़ आयकर कम या अधिक होती है। आइये जानते है की एक सरकारी कर्मियों को कितनी आयकर देनी होगी :-

मूल वेतन फरवरी2025HRA योगआयकर
4490010%87653631360
4760010%92838436752
5690010%110725657033
6410010%124594478667
6220010%120964873006
6600010%128288084839
6800010%132112092793
7430010%1442312118000

नोट:- प्रोन्नति, स्थानान्तरण या योगदान के कारण आय का कुल योग और आयकर में भिन्नता संभव है इसलिए आयकर भरते समय सावधानी से टैक्स की गणना करें।

सारांश

सरकारी कर्मियों को टैक्स देने की ऐसी योजना बनानी चाहिए की वित्तीय वर्ष के अंतिम माह में मासिक सैलरी से टैक्स देने का भार कम पड़े । वित्तीय वर्ष के शुरूआती माह में सैलरी विलम्ब से आती है क्योकि बिना अलॉटमेंट के वेतन विपत्र कोषागार द्वारा पास नहीं की जाती है। टैक्स से राहत के लिए प्रति माह वेतन से एक निश्चित राशि कटवाना सर्वदा उचित मानी जाती है।

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