स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखण्ड सरकार ने सरकारी विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति एवं आच्छादन में वृद्धि सुनिश्चित करने हेतु मानक संचालन प्रक्रिया (School Attendance SOP) जारी की है।
विभाग का मानना है कि मध्याह्न भोजन के अतिरिक्त विद्यालयों में नामांकित विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्यपुस्तक, नोटबुक, छात्रवृत्ति, साइकिल, ड्रेस, स्कूल किट, बैग आदि उपलब्ध कराए जाते हैं। इसके बावजूद विद्यालय में अनियमित उपस्थिति दर्ज कराने वाले बच्चों को नियमित रूप से उपस्थित कराने हेतु विशेष कार्यक्रम चलाए जाते हैं, फिर भी उपस्थिति शत-प्रतिशत नहीं हो पाती है।
इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए विद्यालय स्तर पर प्रधानाध्यापक/प्रभारी प्रधानाध्यापक/प्रधान शिक्षक, विद्यालय प्रबंधन समिति एवं माता समिति, रसोइया सह सहायिका, संकुल स्तर पर संकुल साधन सेवी, तथा प्रखंड स्तर पर प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी एवं प्रखंड साधन सेवी की भूमिकाओं एवं दायित्वों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करते हुए मानक संचालन प्रक्रिया (School Attendance SOP) निर्धारित की गई है।
यह भी पढ़ें : सरकारी स्कूलों में PTM बैठक SOP के तहत करने का आदेश जारी।

विद्यालय स्तर की मानक संचालन प्रक्रिया
मानक संचालन प्रक्रिया (School Attendance SOP) के तहत विद्यालय नियमित नहीं आने वाले बच्चों के अभिभावक के साथ कार्यक्रम के तहत विशेष रूप से वार्ता की जाए। विद्यालय नहीं आने के कारण की पहचान की जाए। यदि बच्चा पोषक क्षेत्र में है तो किसी रसोईया – सह – सहायिका / शिक्षक / संकुल साधनसेवी के साथ टैग करते हुए उन्हें विद्यालय आने हेतु प्रेरित करना है।
बच्चों की उपस्थिति सौ प्रतिशत सुनिश्चित करने के लिए विद्यालय स्तर पर प्रयास कार्यक्रम के सभी आयामों का प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन किया जाना आवश्यक है। इसके तहत प्रभात फेरी, “सीटी बजाओ–स्कूल बुलाओ” कार्यक्रम जैसे उपस्थिति बढ़ाने वाले प्रचार-प्रसार कार्यक्रमों का संचालन बेहतर तरीके से किया जाए।
साथ ही, शत-प्रतिशत उपस्थिति वाले बच्चों को प्रत्येक माह प्रार्थना सभा में पुरस्कृत किया जाए। इसी प्रकार जिन शिक्षकों अथवा रसोइया सह सहायिकाओं के प्रयास से विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति में वृद्धि हुई हो, उनके योगदान की सराहना करते हुए प्रार्थना सभा में उन्हें सम्मानित किया जाए।
प्रधानाध्यापक / प्रभारी प्रधानाध्यापक / प्रधान शिक्षक का मानक संचालन प्रक्रिया (School Attendance SOP) अनुसार कार्य एवं दायित्व
- ▶️ विद्यालय स्तर पर बैठक का आयोजन ।
- ▶️ प्रयास कार्यक्रम का संचालन एवं अनियमित उपस्थित होने वाले बच्चों का चिन्हितकरण ।
- ▶️ चिन्हित बच्चों/अभिभावको से संपर्क करने हेतु विद्यालय स्तरीय दल का निर्माण, जिसमें शिक्षक / संकुल साधनसेवी / रसोईया – सह – सहायिका / विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य / जन प्रतिनिधि आदि शामिल होंगे।
- ▶️ प्रभात फेरी, सीटी बजाओ स्कूल बुलाओ कार्यक्रम जैसे उपस्थिति बढ़ाने वाले प्रसार-प्रचार के कार्यक्रम का क्रियान्वयन ।
- ▶️ सभी कार्यरत शिक्षकों के बीच टोला / घर / प्रायः अनुपस्थित रह रहे बच्चों का बटवारा करेंगे।
- ▶️ आयोजित बैठकों की कार्रवाई प्रतिवेदन एवं विहित प्रपत्र में प्रतिवेदन प्रखण्ड को उपलब्ध करायेंगे।
- ▶️ पुनः 15 दिनों पर विद्यालय के सभी शिक्षक / रसोईया – सह-सहायिका/संकुल साधनसेवी / इच्छुक अभिभावक के साथ समीक्षा बैठक एवं वर्तमान आच्छादन की स्थिति पर चर्चा।
विद्यालय प्रबध समिति एवं माता समिति का कार्य एवं दायित्व
- ▶️ विद्यालय स्तरीय बैठक एवं टोला भ्रमण हेतु गठित दल में सभी सदस्य अनिवार्य रूप से भाग लेंगे।
- ▶️ विद्यालय नियमित नहीं आने वाले चिन्हित बच्चों / अभिभावकों से घर-घर जाकर विद्यालय आने हेतु प्रोत्साहित करेंगे।
- ▶️ ग्राम सभा / चौपाल जैसे कार्यक्रम में विद्यालय में कम हो रहे उपस्थिति पर चर्चा करेंगे एवं सभी ग्रामीण को इससे अवगत करायेंगे ।
रसोईया-सह-सहायिका का कार्य एवं दायित्व
- ▶️ सभी रसोईया -सह- सहायिका यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके टोले के सभी नामांकित बच्चे नियमित रूप से विद्यालय में उपस्थित हों ।
- ▶️ विद्यालय के प्रधानाध्यापक / प्रभारी प्रधानाध्यापक से अनियमित बच्चों का सूची प्राप्त कर बच्चों / अभिभावको के घर जाकर नियमित रूप से विद्यालय आने हेतु प्रोत्साहित करेंगे ।
संकुल स्तर का कार्य एवं दायित्व
विद्यालय में बच्चों की रोजाना उपस्थिति शत प्रतिशत हो और ठहराव सुनिश्चित की जाए इसके लिए विद्यालय के अलावे संकुल को भी जिम्मेदारी दी गई है। इसके लिए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया (School Attendance SOP) अनुसार कार्य एवं दायित्व दिया गया है।
- ▶️ जिसके तहत संकुल स्तर पर बैठक का आयोजन करना, जिसमें सभी प्रधानाध्यापक / प्रभारी प्रधानाध्यापक, मुखिया / पंचायत प्रतिनिधि एवं पंचायत के गणमान्य व्यक्ति उपस्थिति हों ।
- ▶️ बैठक में मुखिया / पंचायत प्रतिनिधि, वार्ड सदस्य, जन प्रतिनिधि एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति द्वारा अभिभाषण एवं विद्यालयों में नियमित उपस्थिति बनाये रखने हेतु प्रेरित करना । ( ध्यान रखेंगे कि विद्यालय एवं संकुल स्तर पर बैठक एक ही दिन न हो, बैठक हेतु कम-से-कम एक सप्ताह का अंतराल अवश्य हो ।)
- ▶️ कम उपस्थिति वाले विद्यालयों का चिन्हितीकरण कर उपस्थिति में वृद्धि हेतु कार्य योजना तैयार करना ।
संकुल साधन सेवी का कार्य एवं दायित्व
- ▶️ विद्यालय स्तर पर गठित दल का हिस्सा बन टोला भ्रमण करना ।
- ▶️ बच्चों के अनियमित उपस्थिति के कारण का पता करना एवं टोला भ्रमण कर विद्यालय नियमित रूप से आने हेतु बच्चों / अभिभावकों को प्रेरित करना ।
- ▶️ प्रभात फेरी, सिटी बजाओं विद्यालय बुलाओं कार्यक्रम आदि जैसे उपस्थिति बढ़ाने वाले प्रचार- प्रसार के कार्यक्रमों मे यथासंभव भागीदारी ।
- ▶️ डायट द्वारा आयोजित प्रशिक्षण का हिस्सा बनना एवं सभी शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराना।
- ▶️ प्रत्येक माह में हर दूसरे सप्ताह के शनिवार को संकूल स्तर पर अपराह्न 03 बजे से आच्छादन का प्रतिवेदन प्राप्त कर विद्यालयवार समीक्षा करना एवं आवश्यक कार्ययोजना बनाना ।
- ▶️ विद्यालय द्वारा हो रहे प्रयासो का अनुश्रवण एवं संबंधित प्रतिवेदन तैयार करना ।
- ▶️ अधिक से अधिक संख्या में विद्यालयों का क्षेत्र भ्रमण करना ।
प्रखण्ड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी का कार्य एवं दायित्व
- ▶️ प्रखण्ड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (BEEO), प्रखण्ड स्तरीय अभियान का नेतृत्व करेंगे ।
- ▶️ प्रखण्ड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखण्ड साधन सेवी, संकुल साधन सेवी तथा समग्र शिक्षा अभियान के अन्य सभी कर्मियों के बीच संकुल एवं विद्यालय को इस प्रकार आवंटित करेंगे कि सभी विद्यालयों तथा संकुल में आयोजित कार्यक्रमों में वे भाग ले सकें। ध्यान रहे कि कोई भी संकुल अथवा विद्यालय ऐसा नहीं हो जहाँ कार्यक्रम में प्रखण्ड से प्रतिनियोजित कर्मी शामिल न हों ।
- ▶️ प्रत्येक माह न्यून आच्छादित संकुलों में से प्रत्येक संकुल में कम से कम 03 न्यून आच्छादित विद्यालयों का स्थलीय निरिक्षण करेंगे ।
- ▶️ विद्यालय भ्रमण के दौरान स्वयं भी टोला में जाकर अनियमित बच्चों के अभिभावकों से मिलेंगे एवं विद्यालय प्रतिदिन भेजने हेतु प्रेरित करेंगे ।
- ▶️ प्रखण्ड स्तर पर कार्यालय के सभी पदाधिकारी एवं कर्मी के साथ मासिक समीक्षा बैठक में उपस्थिति पर चर्चा एवं कार्ययोजना बनाकर कर उपस्थिति में सुधार करना सुनिश्चित करेंगे।
निष्कर्ष
स्कूलों में छात्र-छात्रों की उपस्थिति शत-प्रतिशत सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कार्यक्रम तथा अन्य प्रचार-प्रसार गतिविधियों का प्रभावी संचालन अत्यंत आवश्यक है। निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (School Attendance SOP) के अनुसार नियमित उपस्थिति के लिए बच्चों को प्रोत्साहित करना, उत्कृष्ट प्रयास करने वाले शिक्षकों एवं रसोइया सह सहायिकाओं को सम्मानित करना और सामूहिक जिम्मेदारी निभाना ही उपस्थिति बढ़ाने का सबसे सफल मार्ग है। इस प्रकार, सभी स्तरों पर सतत प्रयास से न केवल बच्चों की उपस्थिति में वृद्धि होगी, बल्कि उनके शैक्षिक विकास एवं विद्यालय की गुणवत्ता में भी सकारात्मक बदलाव आएगा।
यह भी पढ़ें : सरकारी स्कूली शिक्षा हुई आसान ,छात्रों को मिल रही हैं ये सरकारी सुविधाएं।